Neemuch News : मध्यप्रदेश पुलिस असामाजिक तत्वों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में नीमच पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, जिसे पुलिस के इतिहास में सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। दरअसल, बरलई के पास करीब दस बीघा जमीन पर अवैध खेती पाई गई। पहले यहां केवल एक या दो खेत अफीम की खेती करते हुए तस्कर पाए जाते थे। बता दें यहां गांजा तस्कर बैखोफ होकर घटना को अंजाम दे रहे थे। वहीं, इस कार्रवाई से तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
करोडों की कमाई
अवैध खेती को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि, सात बीघा में गांजा और तीन बीघा में अफीम की खेती से टनों से मादक पदार्थ निकलता है, जिसके बेचने पर तस्करों को करोडों रूपए मिलते हैं। अफीम और गांजे की खेती के पीछे जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, वह हैरत में डालने वाली है। फिलहाल, पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है। वहीं, मामले में और बडे खुलासें होने की आशंका जताई जा रही है।
क्षेत्र का पटवारी भी शामिल
मिली जानकारी के अनुसार, पाटीदार समाज के दबंगों का आसपास के गांवों में दबदबा है। रसूख के साथ-साथ इनकी राजनीति भी पहुंच है। ग्राम पंचायत सचिव से लेकर पटवारी पाटीदार समाज के है। सचिव विनोद पिता नंदलाल पाटीदार निवासी बरलई, उसका भाई राधेश्याम, बरलई गांव के अशोक पाटीदार, शिवलाल पाटीदार, पंकज पिता मांगीलाल पाटीदार हावडा, गुडडा सरपंच शिवपुरिया चक्की सहित अन्य लोग कुछ लोगों को मजदूरी के बदले रखकर बडे पैमाने पर अवैध अफीम और गांजे की खेती को अंजाम दे रहे थे। बता दें इस क्षेत्र के पटवारी का नाम अर्जुन पाटीदार है, वह भी इस खेल में शामिल है।
दस वर्षों से चल रही अवैध खेती
सूत्रों के अनुसार, पिछले दस वर्षों से अवैध खेती का खेल चल रहा है। ये लोग अवैध खेती कर करोडों रुपए कमाते हैं।अगर, इनकी सपंत्ति की जांच की जाए तो नीमच, मनासा, कुकडेश्वर, इंदौर में कई प्रापर्टी इनके नाम से मिलेगी और करोडों रूपए बैंक खातों में मिलेंगे। इनके पास जेसीबी मशीन से लेकर एलएनटी मशीनें भी है और महंगी कारें भी रखते है। वहीं, इस धंधे को आय का एक मात्र जरिया बताया जा रहा है। टनों अफीम और गांजे की तस्करी अब तक ये कर चुके है।
मनासा SDM ने दी ये जानकारी
वहीं, जब इस मामले में मनासा एसडीएम पवन बारिया से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, “घटना में शामिल लोगों किसी भी समाज से क्या लेना-देना है। वो किस समाज से हैं उनकी जानकारी एसडीएम नहीं है। साथ ही, उन्होंने बताया कि, इसकी जानकारी उन्हें अभी ही मिली। अगर इससे पहले मिल गई होती तो पहले ही कार्रवाई कर लेते।”
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट