Neemuch News : नीमच शहर के दशहरा मैदान में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। जिसके प्रथम दिन कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और श्री राम के जयकारों से शहर गूंज उठा। यात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। इस दौरान दीदी मां साध्वी ऋतंभराजी भी रथ में सवार हुई और भक्तों को दर्शन दिए। कलश और पौथी यात्रा सुबह 10 बजे स्वर्णकार मांगलिक भवन से शुरू हुई जो कि फ्रुट मार्केट चौराहा, पटेल चाल, नयाबाजार, घंटाघर, तिलक मार्ग, जाजू बिल्डिंग, पुस्तक बाजार, फोरजीरो चौराहा, विजय टॉकीज चौराहा होते हुए श्री रामकथा स्थल वात्सल्य धाम दशहरा मैदान पर संपन्न हुई।
सैंकड़ों महिलाएं हुई शामिल
कलश यात्रा में सैंकड़ों महिलाओं ने कलश शिरोधार्य कर रखा था। जिसके सबसे आगे धर्म ध्वज पताकाएं लहराते अश्व सवार बालिकाएं चल रही थीं, जिनके पीछे बैंड द्वारा धार्मिक भजनों के माध्यम से श्री राम का गुणगान किया जा रहा था। साथ ही युवाओं की टोली ढोल की थाप पर जमकर थिरक रही थी। कलश यात्रा की अंतिम पंक्ति में गोयल व चौपड़ा परिवार के सदस्य श्री रामकथा पौथी को बारी-बारी से शिरोधार्य कर चल रहे थे। अंत में आकर्षक घोड़ा बग्गी में सीताराम सहित राम दरबार सवार था।
दीदी माँ साध्वी ऋतंभराजी ने कही ये बात
दीदी माँ साध्वी ऋतंभराजी के मुखारविंद से श्री रामकथा का शुभारंभ हुआ। कथा के आरंभ में दीदी ने कहा कि मैं जितनी बार में नीमच आई, उतना कहीं नहीं गई। नीमच ऐसा शहर है, जो यहां आता है यहीं का होकर रह जाता है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग प्रेम निभाते हैं, उसी स्नेह में पड़कर अपने जीवन को दाव पर लगाने से भी नहीं डरते हैं। दीदी माँ ने कहा कि भारतीय लोग रिश्ते को निभाते हैं। देश पर कुर्बान होना, भारतीय लोगों के लिए जीवन को सार्थक बनाने जैसा है। दीदी माँ ने आगे कहा कि स्त्री को कभी निराश्रित नहीं समझना चाहिए क्योंकि ईश्वर को भी धरती पर आने के लिए स्त्री की कोख का ही सहारा लेना पड़ा था, फिर स्त्री निराश्रित कैसे हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारतीयों का काम चिंता करना नहीं, चितंन करना है। अंतर्मन के दुखों को दूर करने वाले गुरू होते हैं जो व्यक्ति का मुख देखकर उसकी समस्या का पता लगा लेते हैं। जो जगत की वासना के कीचड़ में कमल उगा देते हैं। वे सद्गुरू देव कहलाते हैं। सद्गुरू हमारे मार्ग दृष्टा होते हैं। कथा में दीदी माँ ने अनेक भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव विव्हल कर दिया।
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान साध्वी साक्षी चेतना, सन्यासी सत्यकीर्त, विधायक दिलीप सिंह परिहार, वात्सलय समिति के अध्यक्ष संतोष चौपड़ा, महामंत्री अनिल गोयल, कोषाध्यक्ष मदनलाल पाटीदार, कार्यक्रम संयोजक पवन पाटीदार, प्रहलादराय गर्ग, समाजसेवी कैलाश धनुका, मंडी व्यापारी संघ राकेश भारद्वाज, सचिव राजेंद्र खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष कमल बिंदल, अग्रवाल ग्रुप नीमच अध्यक्ष कमलेश गर्ग, सचिव राहुल गर्ग, कोषाध्यक्ष दुर्गेश लवाका, चौपड़ा एवं गोयल परिवार के सदस्यों समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु मौजूद थे।
रामचरित्र मानस ऐसी कथा है, जिसका श्रवण मानों सागर में गोता लगाने जैसा है। कहते हैं कण-कण में राम बसे हैं, तभी राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए और जो मर्यादा में रहा, राम उसमें नजर आए, चाहे वह अंगद का पैर हो या फिर हनुमान का सीना।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट