सेवढ़ा, राहुल ठाकुर । भारत के प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान को चलाने का काफी प्रयास किया और सभी राजनेताओं ने झाड़ू उठाकर साफ सफाई पर बहुत जोर दिया लेकिन इसका असर समय बीत जाने पर शून्य होता नजर आ रहा है जिसका नजारा सेंवढ़ा नगर की तमाम गालियो, महोल्ले में गंदगी का अंबार लगा हुआ दिखाई दे जाएगा जिसकी बदबू से लोगो को निकलने में काफी मशक्कत के सामना करना पड़ता है ठीक ऐसा ही नजारा दतिया जिले के सेवढ़ा नगर के हृदय स्थल कहे जाने वाले बस स्टैंड का है।
तस्वीर में आपको सेवढ़ा का बस स्टैंड और वहां लगा गंदगी का ढेर दिखाई दे रह होगा। बस स्टैंड पर पर दिन रात सैकड़ों की संख्या में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। पास में स्थित सब्जी, फल विक्रेताओं द्वारा सड़ी गली फल, सब्जियों को सड़क पर फेंक दिया जाता है जिससे दिन में ही जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है वहीँ बदबू से लोगों को वहां चंद मिनटों में खड़े होने से ही बुरी हालत हो जाती है। खास बात यह है कि बस स्टैंड सेवढा परिसर से नगर परिषद सेवढा कार्यालय की दूरी महज एक दीवार का फैसला है लेकिन सफाई की तरफ गौर नहीं दिया जाता है इससे अंदाज लगाया जा सकता है गली मोहल्लों का क्या हाल होगा?
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गौरतलब है कि जब से नगर परिषद सेवढा अध्यक्ष का पद रिक्त हुआ है और भारसाधक के रूप में एस डी एम सेवढा को जब से चार्ज दिया गया तब से लेकर नगर परिषद सेवढा के सफाईकर्मी उदासीन बन गए हैं और अपनी मनमानी चलाते हैं जिससे सफाई का अंबार जगह जगह देखने को मिलता है वहीँ ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया का सपना गंदगी के ढेर पर दम तोड़ता दिखाई दे रहा है।
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नगर के समाजसेवी भूपेंद्र सिंह राणा का कहना है कि जब से अध्यक्ष खाली खाली हुआ है तब से सफाई पर गौर नहीं किया जा रहा है जगह जगह कचरे और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं कोई सुनवाई करने वाला भी नही है उधर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि धीरज महते का कहना है कि ये वही सेवढ़ा है जो पिछली बार ज़िले में प्रथम आया था। उन्होंने प्रशासक से निवेदन किया है कि सफ़ाईकर्मियों को सख़्त आदेशित करे सफ़ाई पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बहुत से सफ़ाईकर्मी केवल ठेकेदार के यहाँ रजिस्टर पर वेतन लेते है लेकिन आज तक कभी काम पर नहीं आए।