NHAI case: न्यायाधीश सुधीर कुमार चौधरी ने जमीन मुआवजा मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल मामला एक किसान का था। जिसमे न्यायालय के न्यायाधीश ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की दलीलों को खारिज करते हुए एनएचएआई की खंडवा ऑफिस की चल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि एनएचएआई किसान को मुआवजा नहीं देने के बावजूद, जब तक रामेश्वर पटेल अवॉर्ड की राशि नहीं लौटाता, तब तक उनके ऑफिस की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
संपूर्ण मुआवजा देने का आदेश जारी:
आपको बता दें की खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र के बलरामपुर गांव के किसान रामेश्वर पटेल ने अपने बगीचे में जमीन और फलदार वृक्षों के अधिग्रहण के खिलाफ न्यायालय में मुआवजा के लिए याचिका दायर की थी। जिसके बाद अब न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए एनएचएआई की दलीलों को खारिज कर, संपूर्ण मुआवजा देने का आदेश जारी किया है।
हालांकि किसान रामेश्वर पटेल ने तीन साल पहले मुआवजे की मांग की थी, और अब उन्हें न्यायालय की शरण मिली है। इस निर्णय के बावजूद, एनएचएआई ने अभी तक मुआवजा राशि नहीं दी है, जिसके चलते न्यायालय ने उनके ऑफिस की संपत्ति को कुर्की करने का आदेश जारी किया है।
मुआवजे की राशि एक करोड़ 57 लाख:
इस मामले में इंदौर-हैदराबाद फोरलेन के जमीन के अधिग्रहण में मुआवजा मांगने वाले किसान के लिए न्यायाधीश का आदेश एक साहसिक कदम है। इस निर्णय के बाद एनएचएआई ने कुर्की की कार्रवाई शुरू की है, जो किसान के अधिकार की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल इंदौर-हैदराबाद फोरलेन रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसका मुआवजा किसानों को दिया जाना था लेकिन इसका मुआवजा अभी तक नही मिला है। जानकारी के अनुसार किसान रामेश्वर पटेल की मुआवजे की राशि एक करोड़ 57 लाख थी। वहीं किसान ने करीब तीन साल पहले मुआवजे की गुहार लगाई थी।