निवाड़ी, आशीष दुबे। कोविड काल में माता-पिता का देहांत हो जाने के बाद से अकेले जीवन यापन कर रहे अनाथ बच्चों के साथ निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर (Niwari Collector Tarun Bhatnagar) ने पत्नी राशि भटनागर के साथ उनके घर पहुँचकर दिवाली मनाई। निवाड़ी जिले में करीब 12 अनाथ बच्चे है जिनके घर पर रविवार को कलेक्टर पहुंचे और उन्हें उपहार देकर उनका हालचाल जाना।
यह बात सत्य है कि जिनका कोई नहीं होता उनका ईश्वर होता है। ऐसे ही 12 अनाथ बच्चों से मिलने निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर स्वयं उनके घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके इन अनाथ बच्चों के लिए यह समय बहुत कीमती था क्योंकि कलेक्टर खुद इनके साथ दिवाली मनाने पहुंचे थें। माता पिता को खोने के बाद इन बच्चों का कोई नहीं है, लेकिन कलेक्टर ने अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकाला और इनसे मिलने इनके घर तक पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने इन बच्चों के साथ दिवाली मनाई और इन्हें उपहार दिए।
आपको बता दे कि निवाड़ी जनपद में ऐसे 7 बच्चे है और पृथ्वीपुर जनपद में 5 बच्चे है। इनमें ने ओरछा के वार्ड नंबर 8 में गजेंद्र, रश्मि और नानी रममो के घर जाकर दिवाली मनाई और उनके सुनहरे भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं व उन्हें उपहार दिए। कलेक्टर के घर आने पर बच्चों का पालन पोषण कर रहे उनके परिजनों की आंखे नम हो गई और वो कोरोना में मृत हुए अपने बच्चों को याद कर रोने लगे।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर घर आए हमें अच्छा लगा। मीडिया से चर्चा में गजेंद्र रायकवार ने बताया कि वह हमारे लिए पटाखे और मिठाई लेकर आए, उनकी भेंट पाकर हमें बहुत अच्छा लगा। चर्चा में निवाड़ी कलेक्टर ने कहा कि बच्चे खुद को अकेला महसूस न करे हम सभी उनकी मदद के लिए यहां पर मौजूद है। शासन की ओर से ऐसे बच्चों के लिए जो योजनाएं है उसके तहत उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे केयर टेकर की निगरानी में है और बच्चे उनके सम्पर्क में है। बच्चों को आगे पढ़ने में प्रशासन से जो भी यथासंभव मदद होगी वो हम करेंगे। इन्ही सभी चर्चाओं और बच्चों का हालचाल जानने के उद्देश्य से आज निवाड़ी कलेक्टर सभी बच्चों से मिलने और उनके साथ दिपोत्सव मनाने आए थें।
दिवाली मनाने पहुंचे जिले के कलेक्टर के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से जब गजेंद्र रैकवार ने सरकारी आवास की मांग की तो तहसीलदार ओरछा संदीप शर्मा ने कोविड में अपने माता पिता को खो चुके इन भाई बहनों को जल्द आवास मुहैया कराने का आश्वासन दिया और इसको लेकर नगर परिषद के अधिकारियों से बातचीत भी की। वही समाजसेवी विनय तिवारी में भी इन बेसहारा बच्चों के घर पहुंच कर उन्हें मिठाईयां पटाखे व दिवाली से संबंधित सामग्री भेंट की साथ ही उन्हें किसी भी समस्या के समय हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”