MP News: मध्यप्रदेश में वन विभाग की मेहनत लगातार रंग लाती हुई दिखाई दे रही है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की निगरानी करने और पर्यटकों को सफारी करवाने के लिए 4 हाथी कर्नाटक से लाए गए। इसके बाद अब पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में भी हाथियों को लाने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कर्नाटक से 10 हाथी लाए जाने की योजना है, इसके बाद 7 हाथी लाने की रणनीति बनाई जा रही है। प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व है जिनमें लगभग 50 हाथी की जरूरत पड़ती है। 28 हाथी यहां पहले से मौजूद है और साल 2010 से अन्य 22 हाथी लाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
टाइगर रिजर्व में बाघ या तेंदुए कभी-कभी ऐसे स्थानों पर फंस जाते हैं जहां से वाहनों का निकलना मुश्किल होता है और पैदल जाना खतरनाक है। ऐसी जगह पर हाथियों की मदद से मेडिकल सुविधा और रेस्क्यू दल को पहुंचाया जाता है। यही कारण है कि टाइगर रिजर्व में हाथियों को तैनात किया गया है जो पर्यटकों को सफारी भी कराते हैं।
लगभग 12 साल से प्रदेश के टाइगर रिजर्व में हाथियों की कमी थी। 2010 में हाथी लाने के प्रयास शुरू किए गए। वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारी अंडमान-निकोबार के दौरे पर गए। इसके अलावा कर्नाटक, बंगाल और केरल के दौरे भी किए गए लेकिन हाथी मध्यप्रदेश नहीं पहुंच सके। इसके बाद राजस्थान में राजाओं की सेवा में जो हाथी लगे हुए थे उन्हें लाने का प्रयास किया गया लेकिन हाईकोर्ट की अनुमति के चक्कर में यह मामला भी अटका रह गया।
पिछले साल से टाइगर रिजर्व के लिए हाथियों को लाने के प्रयास फिर से शुरू किए गए और सफलता मिलती नजर आई। वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक कर्नाटक से 10 और हाथी लाए जा रहे हैं। इनमें से 5 हाथी बांधवगढ़, 4 कान्हा और 1 सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भेजे जाएंगे। केरल और कर्नाटक में बड़ी संख्या में हाथी मौजूद है। यहां पर उत्पात मचाने वाले हाथियों को काम की ट्रेनिंग दी जाती है, उन्ही में से हाथी मध्यप्रदेश लाए जा रहे हैं।