Ranjeet Ashtami 2024: 22 जनवरी को जहां अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के इंतजार कर रही है और हर कोई राम रंग में रंगा नजर आ रहा है। उसी बीच अहिल्या नगरी इंदौर आज पूरी तरह से रामधुन में डूबी हुई दिखाई दी। आज रणजीत अष्टमी के मौके पर बाबा की प्रभातफेरी निकाली गई और हर तरफ भगवा दिखाई दिया। महूनाका पहुंचने में इस प्रभातफेरी को 3 घंटे का समय लगा।
अयोध्या मंदिर की प्रतिकृति ने जीता दिल
रणजीत हनुमान को इस फेरी में भक्तों का सैलाब देखने को मिला। हर तरफ जय श्री राम और जय रणजीत के नारे सुनाई दे रहे यह। प्रभात फेरी में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति ने सभी का मन मोह लिया। 40 फिट लंबी और 15 फिट चौड़ी ये प्रतिकृति बहुत ही सुंदर तरीके से बनाई गई है।
अयोध्या मंदिर की इस प्रतिकृति का निर्माण बंगाल के 10 कलाकारों ने किया है। इसे बनाने में लकड़ी, लोहा, कपड़ा और थर्माकोल का इस्तेमाल किया गया है। डिजाइनर जाली और रंगों से सजी यह प्रतिकृति 16 पहिये की गाड़ी पर झांकी की तरह प्रभात फेरी में शामिल की गई।
निभाई गई 137 साल पुरानी परंपरा
रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी निकाले जाने की परंपरा 137 सालों से चली आ रही है। इस साल भी इस परंपरा को जारी रखा गया और धूमधाम से प्रभात फेरी निकाली गई। बताया जाता है की सबसे पहले पंडित भोलाराम व्यास ने फेरी निकालने की शुरुआत की थी। उस समय भगवान की तस्वीर लेकर मंदिर परिसर में सात परिक्रमा लगाई जाती थी। उसके बाद ठेला गाड़ी पर प्रभात फेरी निकाली जाने लगी। 2012 तक इसे विराट स्वरूप दिया गया और बाबा बग्घी पर निकलने लगे। इसके बाद एक विग्रह तैयार कर स्वर्ण रथ की प्रभात फेरी निकाली जाने लगी। इस फेरी में हजारों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
रक्षासूत्र किए गए वितरित
रणजीत अष्टमी महोत्सव के तहत 51000 रक्षा सूत्र भी अभिमंत्रित किए गए जिन्हें नि:शुल्क वितरित किया गया है। इसी के साथ बाबा रणजीत के उत्सव विग्रह का महाअभिषेक भी हुआ और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस स्वर्णिम पल के साक्षी बने। हर बार की तरह इस बार भी रणजीत भक्त मंडल के 2000 से ज्यादा सदस्यों ने प्रभातफेरी की व्यवस्था संभाली।