एक बार फिर गिद्दों की होगी गिनती, इसके लिए वनकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण

इंदौर वनमंडल के क्षेत्र में वन विभाग ने ऐसे स्थानों का चयन किया है जहां गिद्ध पाए जाते हैं, और इसकी गिनती के लिए शुक्रवार से गणना कार्य आरंभ किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण कार्य में इंदौर के चार रेंजों के वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है, और इस के लिए शहर में कार्यशाला आयोजित की गई है।

Rishabh Namdev
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vultures will be counted: मध्य प्रदेश में 2016 में पहली बार हुई गिद्धों की गिनती के बाद, अब एक बार फिर गिद्धों की गिनती की जाएगी। जब प्रदेश में 33 जिलों के 900 से ज्यादा स्थानों का चयन किया गया था। आपको बता दें प्रदेशभर में एजिप्सिया, वाइट रम्प्ड, किंग कल्चर, लांग बिल्ड, यूरेशियस, और सिलेंडर बिल्ड गिद्धों की प्रमुख प्रजातियां हैं।

गिद्धों की होगी गिनती:

जानकारी के अनुसार वन विभाग ने इसके लिए कुल 6 स्थानों का चयन किया है जहां गिद्ध पाए जाते हैं, और इस गणना में वनकर्मियों के साथ पर्यावरणविद्या भी शामिल होंगे। सूचना के मुताबिक इस गिनती का आयोजन 16 फरवरी से 18 फरवरी तक किया जाएगा। इस कार्य में इंदौर के वनमंडल में ज्यादातर गिद्ध इजिप्सया प्रजाति के हैं। दरअसल देवगुराड़िया के पास हुई ट्रेंचिंग ग्राउंड के हट जाने से भी गिद्धों की संख्या यहां काफी कम हो गई है।

गिद्धों की कमी के कारण:

गिद्धों का जीवन मृत जानवरों को खाकर चलता है, और खेतों में कीटनाशक के उपयोग के कारण इनकी संख्या में कमी हो रही है। यहां वनकर्मियों ने बताया कि केमिकल खाने के बाद मर जाने वाले जानवरों को गिद्ध खा लेते हैं, जिससे इनकी संख्या में भी कमी हो रही है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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