कल हरदा में हुआ हादसा कहीं ना कहीं इसी तरह के भ्रष्टाचार की कहानी को भी बयान करता है। इतनी मात्रा में लाया गया अवैध बारूद निश्चित तौर पर बिना सांठ गांठ के आ पाना संभव नहीं है। लेकिन इसका खामयाजा जिनको भुगतना पड़ा है वह न तो इसके परिवहन में सम्मलित थे न ही इसके भ्रष्टाचार में।
हालांकि प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार अब मानो आम सी बात लगने लगी है। शासन प्रशासन अब इसके सामने बौना प्रतीत नज़र आता है। अवैध चेक पोस्टों पर दबंगई से हो रही अवैध वसूली कहीं ना कहीं इन वसूली बाजों की हिम्मत और ट्रक चालकों की बेबसी की कहानी को बयां करते हैं।
अभी कुछ दिन पहले सिंगरौली जिले के एक चेक पोस्ट का मामला सामने आया था जहां बाकायदा हरे रंग की पर्ची देकर वसूली बाज ट्रक चालकों से राशि वसूल रहे थे। अब इसी तरह का एक और मामला सिंगरौली पोस्ट का ही सामने आया है जहां महीने के हिसाब से अलग-अलग रंग की पर्चियां देकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली की जा रही है यह बात हम नहीं खुद इन परेशानियों को झेल रहे ट्रक चालकों ने हमें बताई है।
एक बार फिर चालकों ने खोला चौकाने वाला भेद :
बीते रविवार को जिले के सीमावर्ती आरटीओ के उप चेकपोस्ट पर हो रही वसूली को लेकर चालकों ने एक और चौकाने वाला भेद खोला है। चालकों के मुताबिक बीते दिन रविवार को छत्तीसगढ़ प्रांत के बिलासपुर कोटा से करीब आधा दर्जन कोलवाहन चारकोल को लेकर गोरबी जा रहे थे। जानकारी के अनुसार चारकोल वाहन के सभी चालक नये थे। जिस वजह से उन्हें रूट पता नही था। जिसके चलते चालक अनपरा से न होकर करौटी चेकपोस्ट को क्रास कर बैढन के रास्ते से गोरबी जा रहे थे। हालांकि चारकोल परिवहन बिलकुल वैध थे, लेकिन रूट गलत था। इस बीच चेकपोस्ट करौटी पर दोपहर करीब 1 बजे से लेकर 3:30 बजे सभी चारकोल वाहनों को वसूली बाज गैंग ने खड़ा करा रखा था। और वाहन चालकों से वार्डर क्रास करने के एवज में वसूलीबाज पाँच-पाँच हजार रूपये नजराना वसूल रहे थे।
दस्तावेज पूर्ण होने पर भी की जा रही वसूली:
दूसरी और वही कोतवाली पुलिस ने भी उक्त वाहनों को पकड़ा और पाँच-पाँच हजार रूपये का जुर्माना लगा दिया। बैढन एनसीएल ग्राउंड बिलौजी में सभी चारकोल वाहनों को कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई के लिए खड़ा कर रखा। वहीं इस दौरान मीडिया कर्मियों के सामने उक्त वाहन के चालकों ने चौकाने वाला सनसनी खेज खुलासा किया। चालकों ने आरटीओ उप चेकपोस्ट करौटी पर हो रही वसूली को लेकर प्रभारी एवं आरक्षकों पर भी गंभीर आरोप लगाएं है। चालकों ने बताया कि नये वाहन होने के साथ साथ सभी वाहन के दस्तावेज भी पूर्ण हैं। फिर भी उनसे वसूली की जाती है। इतना ही नहीं चेकपोस्ट पर निर्धारित शुल्क अदा न करने पर कई घण्टों तक यहा तक की दो से तीन दिन तक जांच के नाम वाहन खड़ा करना पड़ता हैं।
पैसा मिलने के बाद वाहनों को नहीं किया जाता चेक उसमें क्या सामग्री लदी है :
वहीं मामले की अधिक जानकारी देते हुए एक चालक बताया कि वह 10 वर्षाे से सिंगरौली जिले में वाहनों को लेकर आना-जाना कर रहे है। उनका कहना है की सभी चारों उप चेकपोस्ट पर वाहन प्रवेश करते ही वसूली शुरू हो जाती है। इतनी इन्ट्री नही है चेकपोस्ट पर वसूलीबाजों के मन मुताबिक शुल्क अदा करना पड़ता है, इसके बाद वाहन को चेक नही किया जाता की उसमें क्या सामग्री लदी है। जिसके चलते चालकों का आरोप है की यहा सिर्फ पैसों का राज है। चालकों ने यह भी बताया की यदि वसूली का कोई भी विरोध करता है तो वहा के वसूली बाज मारपीट करने पर उतारू हो जाते है।
इधर चेकपोस्ट प्रभारी निरीक्षक के कार्यकाल में वसूली का दर भी बढ़ा दिया गया है। सूचना के मुताबिक इसके लिए अलग-अलग कलर के गेटपास बनाएं गयें है। जिसमेें कोडवर्ड उल्लेख रहता हैं और इसी के आधार पर चालकों से वसूली की जाती है।
एक बार का तीन, महीने का पाँच हजार इन्ट्री फिक्स :
वहीं इस मामले में चौकाने वाली बात भी सामने आई है। चालकों की मानें तो चेकपोस्ट खनहना, करौटी,जयंत एवं मटवई गेट तेलगवां से मालवाहकों के लिए गेटपास (कूपन) अलग-अलग कलरों में तय किया गया है। एक बार यदि कोई वाहन चालक सामग्री लेकर एमपी की सीमा में प्रवेश करता है, तो उसे तीन हजार रूपये चेकपोस्ट पर भुगतान करना पड़ता है ,इतना ही नहीं महीने भर के पास के लिए चालकों से पाँच हजार रूपये वसूले जा रहे है।
दरअसल बीते रविवार को भी एक गेटपास मिला है, जिसकी रजिस्ट्रेशन संख्या 2118 बताई जा रही है। साथ ही उसमें चालक का नाम भी उल्लेख है। जिसके अंतर्गत चालक से पाँच हजार रुपये की राशि ली गई है। जानकारी के मुताबिक यह गेटपास पीले कलर का बताया जा रहा है। वहीं अब चालकों ने इस वसूली को लेकर प्रदेश सरकार को आड़ेहाथों लिया है। उनका कहना है कि यह अवैध वसूली सिर्फ पैसों का राज है। जिसके चलते चेकपोस्ट प्रवेश पर चालकों को अत्यधिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट