रविवार को भी खुले बैंक, कृषि मंत्री ने कहा- प्रदेश में आखिरी दिन तक शतप्रतिशत होगा फसलों का बीमा कवर

Gaurav Sharma
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भोपाल/हरदा, डेस्क रिपोर्ट । प्रदेश के सभी किसानों को बीमा कवर (insurance coverage for farmers) दिलाने के चलते रविवार को सभी सरकारी (Government), सहकारी(Cooperative) और निजी (Private) बैंक (bank)  खोले गए। प्रदेश के कृषि और किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल (Agriculture and Farmers Welfare Minister Kamal Patel) ने कहा कि सोमवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) की अंतिम तारिख (last date) है और कल तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। अगले साल तक मुख्यमंत्री फसल बीमा ट्रस्ट (Chief Minister Crop Insurance Trust) का गठन कर लिया जाएगा जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदा (natural calamity) में शतप्रतिशत क्षतिपूर्ति (100% compensation) मिल सकेगी।

मीडिया कर्मियों से ऑनलाइन चर्चा करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि अतिवृष्टि (heavy rain in madhya pradesh) से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ के हालात हैं। हरदा जिले के भी कई गांव डूब में हैं, बाढ़ से प्रदेश में सोयाबीन और अन्य खरीफ फसल चौपट हो गई है, किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए उन्हें फसल बीमा के लिए प्रेरित किया जा रहा है । आगे मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan mantri fasal yojana) की अवधि 17 अगस्त से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। सभी किसानों को बीमा कवर मिल सके इसके लिए रविवार को भी सभी बैंक खुले और बीमा कराया गया। मंत्री कमल पटेल ने उम्मीद जताई कि सोमवार 31 अगस्त तक प्रदेश के सभी किसान बीमा योजना से जुड़ जाएंगे।

 

कमल पटेल ने पूर्व सीएम कमलनाथ (Former Cm Kamalnath) पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी (Debt waiver)  का धोखा दिया, जिससे बड़ी संख्या में किसान डिफॉल्टर (Farmer defaulter) हो गये, हम डिफॉल्टर किसानों को भी बीम योजना से जोड़ रहे हैं जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कोरोना संकट (Corona crisis)  के दौर में जब सभी जगह लॉकडाउन (Lockdown) था तब किसान ही थे जो देश को सम्हाले हुए थे। देश के लिए फल, सब्जी और दूध की आपूर्ति में लगे रहे, किसानों ने इस दौरान रोजगार के अवसर भी दिए अब जबकि किसान संकट में हैं तब उन्हें मजबूती के साथ बाहर निकालने की जिम्मेदारी सरकार की है जिसे केंद्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party)  की सरकार तत्परता के साथ निभा रही है।

कमल पटेल ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है, इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मार्गदर्शन में विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है। गांवों में अधोसंरचना विकास और कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कार्ययोजना शुरू की गई है जिसका लाभ किसानों की आमदानी बढ़ाने में मिलेगा। एक प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि किसानों को शत-प्रतिशत क्षतिपूर्ति देने के लिए मुख्यमंत्री फसल बीमा ट्रस्ट बनाने की योजना है, भाजपा के सरकार में नहीं रहने के कारण इसमें विलंब हुआ, लेकिन अगले साल तक ट्रस्ट का गठन कर लिया जाएगा।  ट्रस्ट के माध्यम से आम जनता सेभी फंड एकत्रित कर किसानों की जरूरत को पूरा किया जाएगा।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि 6 सितंबर को प्रदेश के बीस लाख से अधिक किसानों के खाते में 4 हजार 614 करोड़ रुपये बीमा लाभ के हस्तांतरित किए जा रहे हैं। यह वर्ष 2019 के बीमा की क्षतिपूर्ति है जो कमलनाथ सरकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं करने से अब तक किसानों तक नहीं पहुंच पाई थी। इस वर्ष के बीमा का लाभ दिलाने के लिए कलेक्टरों को सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। अक्टूबर में फसल की आनावरी रिपोर्ट मिलने पर उसके आधार पर क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। किसानों को इसके पूर्व आरसीबी 6/4 के तहत राहत राशि का भुगतान किया जाएगा।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि आपदा की इस स्थिति को अवसर में बदलने के लिए रबी की फसल के लिए किसानों को तैयार किया जाएगा। उनके पास पैसों की कमी न रहे इसके लिए बीमा और राहत राशि का समय से भुगतान कराया जाएगा। मंत्री कमल पटेल ने बताया कि रबी सीजन के लिए 24 लाख मैट्रिक टन खाद की मांग पहले से प्रस्तुत कर दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश में रबी की फसल रिकॉर्ड तोड़ेगी।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाकर उनके रहने और भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। सभी जनप्रतिनिधि लोगों के बीच जाकर मदद कर रहे हैं और साथ में किसानों को बीमा के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं जिससे उन्हें भविष्य की परेशानियों से बचाकर मजबूर की जगह मजबूत बनाया जा सके।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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