देवी मां को खुश करने के लिए मां बनी कुमाता, चढ़ा दी 24 साल के बेटे की बलि

Gaurav Sharma
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a mother look life of his 24 years old son

पन्ना, डेस्क रिपोर्ट। देश भर में नवरात्रि का त्यौहार बढ़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। देश के कोने-कोने में देवी मां की उपासना की जा रही है।  मां के इस पवित्र त्यौहार के बीच एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें पन्ना जिले में एक अंधविश्वासी महिला ने दुर्मा मां को खुश करने के लिए अपने ही 24 साल के बेटे की बलि चढ़ा दी।

महिला ने कुलहाड़ी से अपने  बेटे के गले पर वार कर कथित रुप से बलि चढ़ा दी।महिला ने इस वारदात को तब अंजाम दिया जब 24 साल का युवक सो रहा था। मामला पन्ना जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के अंदर आने वाले कोहनी गांव का है। घटना की जानकारी लगते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। साथ ही पुलिस मौके पर घटना स्थल पहुंची।

पूरे मामले को लेकर पन्ना कोतवाली के थाना प्रभारी अरुण सोनी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े चार बजे सूचना मिली थी कि कोहनी गांव में सुनिया बाई लोधी जिसकी उम्र 50 साल है उसने अपने बेटे द्वारका लोधी की कुल्हाड़ी से गले पर वार करके उसकी हत्या कर दी है।

आगे थाना प्रभारी कहते है कि आरोपी सुनिया बाई को बीते दो साले से अपने उपर दैवीय प्रभाव होने का अहसास होता था और ऐसा ही कुछ आज रात को हुआ, जिसके चलते महिला ने अपने ही बेटे की जान ले ली।

आगे वो बताते है कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। वहीं आरोपी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया है और आरोपी से लगातार पूछताछ जारी है। वहीं आरोपी द्वारा वारदात में उपयोग की गई कुल्हाड़ी भी पुलिस ने जब्त कर ली है।

वहीं जब पुलिस ने बलि के बारे में सवाल किया गया कि क्या सच में देवी मां को खुश करने के लिए आरोपी मां ने अपने बेटी की बलि चढ़ाई है तो उस पर थाना प्रभारी ने कहा कि शुरुआती पूछताछ में ये पता चला है कि आरोपी महिला को देवी के संबंध में भाव आते रहते थे और इसी के चलते वो कहती थी कि इसे मारना है, उसे मारना है । ये बात पुलिस को गांव वालों ने बताई है। आगे की पूछताछ में ओर भी खुलासे होने की उम्मीद है।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि आरोपी सुनिया बाई को देवी के भाव आते थे और वो कहती थी की बलि लेगी। उसने रात में सो रहे अपने बेटे की हत्या कर दी। घटना के समय घर में आरोपी महिला, उसका पति और उसका बेटा। जब आरोपी महिला ने वारदात को अंजाम दिया उस वक्त महिला का बेटा और पति सो रहे थे।  सबके सोने का फायदा उठाकर आरोपी ने अपने बेटे की कुल्हाड़ी से जान ले ली। ग्रामीण ने बताया कि आरोपी महिला ने अपने बेटे की जान लेने के बाद अपने पति को इस बारे में सूचना दी और कहा कि मैंने अपना काम कर दिया है। बलि ले ली है, जाकर देखो बच्चे को मार दिया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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