पन्ना,नीलू शर्मा| पन्ना टाइगर रिज़र्व (Panna Tiger reserve) ने बाघ पुनर्स्थापना में ऐतिहासिक मुकाम कायम किया है । 2009 में बाघ विहीन हो चुके पन्ना में सफलता पूर्वक न केवल बाघ (Tiger) बसाये गए बल्कि उनकी संख्या 50 को पार कर गई थी ।
लेकिन पिछले कुछ महीनों में तेंदुओं के साथ ही बाघो की अप्रकृतिक मौतें हुई हैं जो संदेहास्पद हैं लेकिन उन पर पार्क प्रवंधन लीपा-पोती करता रहा है । किसी भी घटना की उच्च-स्तरीय जांच नही हुई इसी बीच एक सिर कटा बाघ मिला जिसके लिए मगरमच्छ द्वारा खाने की कहानी बनाई गई । जबकि कहानी प्रथम दृष्टि में ही विश्वास करने के लायक प्रतीत नही होती । पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का हर घटना में एक ही राग का अलापना होता है कि आपसी संघर्ष में ये मौतें हो रही हैं
जिसकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है। पन्ना के बाघों की लगातार हो रही मौतों को रोकने व बाघ की मौत के सौदागरों का माकूल सजा मिल सके इसके लिए सभी का प्रयास करना भी जरूरी है ।