टाइगर मौत का मामला, सीएम शिवराज की सख्ती का असर, डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड निलंबित, दो आरोपी गिरफ्तार

Atul Saxena
Published on -

Panna Tiger Death : उत्तर वन मंडल पन्ना की देवेंद्रनगर रेंज के तिलगवा बीट में बुधवार को एक बाघ (Tiger) के पेड़ से लटके मिले शव ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था, घटना सामने आते ही वन विभाग, पन्ना टाइगर रिजर्व, पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की , इधर सीएम शिवराज ने भी घटना को लेकर नाराजगी जताई और सख्त एक्शन के निर्देश दिए, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रेंज के डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड को निलंबित कर दिया गया है।

विभाग ने 2 किलोमीटर में सर्चिंग की

एक टाइगर की फांसी से लटक कर मौत ने वन विभाग के अधिकारियों को हिला दिया, सूचना मिलते ही छतरपुर सीसीएफ संजीव झा मौके पर पहुंचे, टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंचे, डॉग स्क्वाड को बुलाया और  बाघ के विशेषज्ञों को बुलाकर जाँच शुरू की गई। विभाग ने 2 किलोमीटर में सर्चिंग शुरू की।

दो आरोपियों के घर पहुँच गया डॉग

DFO उत्तर वन मंडल पन्ना बेनी प्रसाद दोतनिया बीएफ ने बताया कि स्टाफ ने सबसे पहले टाइगर को नीचे उतारा, उसके सिर को क्लच वायर से निकाला, डॉग ने उसे स्मेल किया और फिर पास के गांव विक्रमपुर में किसान के इन्दर सिंह और नेपाल सिंह के घर पर रुक गया, यहाँ डॉग ने क्लच वायर की दूसरी खूंटी ढूंढ निकाली। जब नेपाल सिंह, इन्दर सिंह से पूछताछ की तो उसने एक तीसरे व्यक्ति का नाम भी बताया, जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।

DFO ने शिकार की बात से इंकार किया

डीएफओ ने बताया कि टाइगर के पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट में बताया गया कि उसके सभी अंग मौजूद हैं, इससे स्पष्ट होता है कि ये मामला शिकार का नहीं है, किसान ने अपनी फसल को बचाने के लिए खेत के बागड़ में सूअर और खरगोश जैसे जानवर के लिए फंदे लगाये थे लेकिन उसमें टाइगर फंस गे और उसकी मौत हो गई।

डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड निलंबित

घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना के वन अधिकारियों सहित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से इसकी जानकारी ली और कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए, जिसके बाद वन विभाग ने डिप्टी रेंजर अजीत खरे और बीट गार्ड अरुण त्रिवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और प्रकरण की जाँच एसडीओ पन्ना को सौंप दी है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News