हीरे जैसी चमकी पन्ना के मजदूरों की किस्मत, रातोंरात बने करोड़पति

Gaurav Sharma
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पन्ना,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश का पन्ना जिला (Panna district Madhya Pradesh)अपने हीरे की खदानों (diamond mines) के लिए देश भर में प्रसिद्ध (famous) है। पन्ना जिले से दो मजदूरों(two labourers) के भाग्य चमकने का मामला सामने आय़ा है। दोनों मजदूरों की किस्मत रातोंरात बदल गई। दोनों ही मजदूरों को अलग-अलग जगहों पर हीरा(found diamond) मिला है, जिसकी कीमत लाखों (worth lakhs)  में बताई जा रही है। जहां मजदूर दिलीप मिस्त्री को एक निजी जमीन से हीरा मिला है, जो कि 7.44 कैरेट(carrat) का है।

वहीं दूसरे मजदूर लखन यादव को हीरा बजरिया के कृष्णा कल्याणपुर की हीरे की खदान( diamond mine) से मिला है, जो 14.95 कैरेट (carrat) का बताया जा रहा है। दोनों हीरे अच्छी गुणवत्ता के हैं, जिसे डायमंड कार्यालय (diamond office) में जमा किया गया है। एक कैरेट हीरे (one carrat cost 5lakhs)   की कीमत लगभग 5 लाख रुपये है। इस तरह से ये दोनों हीरे 1 करोड़( crores) से ज्यादा कीमत के हो सकते हैं। पन्ना(Panna) में दिवाली(diwali) से एक हफ्ते पहले, डायमंड ऑफिस( diamond office) में चार बड़े हीरे जमा( 4 diamond deposited) किए गए हैं, जिन्हें अगले महीने नीलामी(auction) के लिए रखा जाएगा।

हीरे जैसी चमकी पन्ना के मजदूरों की किस्मत, रातोंरात बने करोड़पति

वहीं हीरा मिलने को लेकर लखन यादव ने कहा कि मेरे पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है।  इस हीरे से मुझे जो पैसा मिलेगा उससे मैं अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करुंगा। वहीं दूसरे मजदूर दिलीप मिस्त्री ने कहा कि मैं चार व्यक्तियों के एक समूह का हिस्सा हूं और हम पिछले छह महीनों से अपनी निजी भूमि पर हीरे निकालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भगवान की कृपा से, मुझे पहली बार यह अच्छी गुणवत्ता वाला हीरा मिला है।”

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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