दतिया, सत्येन्द्र रावत। जिले में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है। ये मामला खाद्य विभाग (Food department) की जाँच में पकड़ में आया है जिसके बाद तीन दुकान के एक ही संचालक पर जिले के थानों में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है। जाँच के मुताबिक दुकान संचालक द्वारा करीब 6 माह से राशन वितरण न कर 20 लाख का राशन डकारा गया है।
गौरतलब है कि दतिया जिले में शासन द्वारा प्रदाय किए जा रहा गरीबों का राशन उपभोक्ताओं को वितरण नहीं किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। जाँच में शिकायतें सही पाए जाने पर तीन दुकानों के एक ही संचालक के विरुद्ध जिले के अलग-अलग थानों में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत तीन मामला दर्ज कराये गए हैं।
जानकारी के अनुसार दतिया जिले में खाद्य विभाग (Food department) द्वारा गरीबों के लिए प्रदान की जाने वाली राशन सामग्री अनियमितता किए जाने का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते गरीबों को राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिससे उपभोक्ता काफी परेशान नजर आ रहे हैं और प्रशासन से शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों की शिकायत कर रहे हैं। शिकायत मिलने के पश्चात जिला खाद्य कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राजेश जाटव को शासकीय उचित मूल्य वितरण प्रणाली की जांच करने हेतु जिम्मेदारी सौंपी। जिसके तहत उनके द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्राम नुनवहा, कटीली, दुर्गापुर की जांच करने पर सामने आया कि गरीबों के राशन में अनियमितता कर उसे खुर्द बुर्द किया गया है। जिसका प्रतिवेदन खादय विभाग कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा तैयार किया गया। जिसके आधार पर जिले थाना जिगना में दो मामले एव सिविल लाइन थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दर्ज किए गए।
आपको यहां बता दें कि आरोपी राजेश यादव द्वारा जिले में तीन दुकानें संचालित की जाती थी। जिसमें ग्राम दुर्गापुर, कटीली, नुनवहा शामिल है। राजेश यादव तीनों दुकानों को संचालित करते थे और इन्हीं दुकानों में गरीब उपभोक्ताओं को करीब 6 माह से राशन वितरण प्रणाली में अनियमितता बरती जा रही थी। जिसका यह मामला शिकायत के आधार पर सामने आया है। जांच सही पाए जाने पर खाद्य विभाग द्वारा संचालक के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर संजय कुमार द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर राशन वितरण प्रणाली में अनुभाग क्षेत्र के समस्त अनुविभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि जिले की शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर अगर 90% से कम वितरण करना पाया गया तो सीधे अनुविभागीय अधिकारी कार्रवाई कर दुकान संचालक को दंडित करें। जिससे जिले में गरीब सरकारी राशन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं को समय पर राशन सामग्री उपलब्ध हो सके और कहीं पर भी इस प्रकार की गड़बड़ी सामने ना आए।