इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। करीब एक माह की तालाबंदी के बाद मुक्त हुए जिला पंजीयक कार्यालय (District Registrar Office) में पहले दिन मात्र 50 रजिस्ट्रियां हुई। सुबह 10:30 बजे से ही सम्पत्ति धारकों ने स्लॉट लेकर अपनी बारी आने का इंतजार करना शुरू किया। शनिवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद कार्यालय खुला रहा। उम्मीद की जा रही है कि धीरे-धीरे लोग पंजीयन कराने आने लगेंगे।
गौरतलब है कि मार्च माह के दूसरे पखवाड़े में जब कोरोना संक्रमण (Corona Infection) अपने पीक पर था, उस दौरान भी पंजीयन की प्रक्रिया अनवरत चलती रही। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद जिला प्रशासन ने जिला पंजीयक कार्यालय (District Registrar Office) को आगामी आदेश तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए। नतीजतन, विभाग अपने 6100 करोड़ के लक्ष्य से पिछड़ गया। मुश्किल से यह आंकड़ा 5200 करोड़ के आसपास सिमट कर रह गया। शासन को राजस्व की भारी क्षति होने लगी।
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मार्च माह में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि महिला संपत्ति धारक को पंजीयन शुल्क में दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इस छूट का लाभ लेने रोजाना महिलाएं कार्यालय (District Registrar Office) के चक्कर काटती रही। उन्हें तब निराशा हुआ जब पंजीयक अधिकारी ने कहा कि सीएम की घोषणा के लिखित आदेश विभाग को नहीं मिले हैं, आदेश मिलने के बाद अमल किया जाएगा। वर्तमान में जनता कर्फ्यू के चलते लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है। इसका सीधा असर पंजीयन पर भी पड़ा है। सूत्रों की मानें तो अगले माह महिलाओं को पंजीयन शुल्क का लाभ मिल सकता है। ऐसा होने पर फिर पंजीयन कराने वालों की जमावड़ा विभाग में लग जाएगा।