परिवहन आयुक्त की भूमिका पर सवाल, ट्रांसपोर्टर ने सीएम शिवराज को लिखा’ देश भर में हो रही बदनामी’

MP Transport News : मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग की कारगुजारी के चलते पूरे देश में प्रदेश की बदनामी हो रही है। मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस संबंध मे एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखा है। उन्होंने प्रदेश के परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले हुई एक बैठक में अवैध एंट्री रोकने का आश्वासन दिया था।

मंत्री के फैसले को किया अनसुना

8 अगस्त 2023 को मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ प्रदेश भर के ट्रांसपोर्टों की हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया था कि अब प्रदेश के परिवहन चेक पोस्टों पर किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं होगी। दरअसल मध्य प्रदेश के 30 से ज्यादा परिवहन चेक पोस्टों पर प्रदेश के साथ-साथ देशभर से आने वाले ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों को अवैध एंट्री देने पर मजबूर किया जाता है और ऐसा न करने पर उनके ट्रकों को घंटे तक रोक के रखा जाता है। ट्रांसपोर्टर इस बात को कई बार सरकार के सामने उठा चुके हैं। लेकिन उसके बावजूद अवैध एंट्री पर कोई लगाम नहीं लग रही। 8 अगस्त 2023 को हुई बैठक में इस बात का निर्णय हुआ था कि आठ ऐसी चेक पोस्ट, जो अस्थाई है, तत्काल प्रभाव से बंद किए जाते हैं और उसके साथ ही दिसंबर तक सभी चेक पोस्टों पर भी निर्वाध परिवहन सुनिश्चित करने का आश्वासन सरकार ने दिया था। इस बैठक में परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने यह आश्वासन दिया था कि किसी भी स्थिति में परिवहन चेक पोस्टों पर किसी तरह की वसूली नहीं की जाएगी और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।बावजूद इसके ऐसा नहीं हुआ और लगातार अवैध वसूली जारी है।बताया जाता है कि इस अवैध वसूली का एक बड़ा हिस्सा ऊपर राजनेताओं और अधिकारियों के पास जाता है इसीलिए सभी ने इस ओर से आंखें फेर रखी है। इन सबके बीच हैरत की बात यह है कि परिवहन विभाग में दो दिन पहले अपनी मांगों को लेकर सभी अधिकारी- कर्मचारियों ने हड़ताल कर रखी है लेकिन परिवहन चेक पोस्टों पर अवैध वसूली लगातार जारी है।यानि जनता के कामकाज के लिए तो परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं लेकिन अवैध वसूली के लिए पूरा अमला कमर कस कर लगा हुआ है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।