नवजात के शव के साथ चक्काजाम, परिजनों का आरोप हमीदिया आगजनी में झुलसी थी बच्ची

Atul Saxena
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रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। रायसेन (Raisen News) जिले के गैरतगंज में नवजात बच्ची की मौत (Death Of newborn girl child) के बाद परिजनों  ने हंगामा किया और सागर भोपाल मार्ग पर बस स्टैंड के पास चक्काजाम कर दिया।  परिजनों का आरोप है कि उनकी बच्ची हमीदिया अस्पताल के बच्चा वार्ड में हुई आगजनी में झुलसी थी लेकिन डॉक्टरों ने मामले को झिपाये रखा और कल रात बच्ची की मौत की जानकारी दी।  परिजनों के साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी चक्का जाम में शामिल हुए।

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राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) परिसर में बने कमला नेहरू हॉस्पिटल(Kamla nehru Hospital)  के बच्चा वार्ड में हुई आगजनी की घटना इतनी ह्रदय विदारक थी कि उसका दर्द उन परिवारों के सामने आज भी ताजा है जिन्होंने अपना बच्चा खोया।  हालाँकि  सरकार ने दोषियों देने का भरोसा दिलाया है लेकिन आज रविवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें संवेदनहीनता की सारी हद पार कर दी।

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दरअसल रायसेन जिले के गैरतगंज में रहने वाले एक परिवार का आरोप है कि जिस दिन बच्चा वार्ड में आग लगी उनकी  एक नवजात बच्ची भी इसी अस्पताल भर्ती थी और वो भी उस आग की चपेट में आई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उस बच्ची के आग से झुलसने की खबर परिजनों को नहीं दी और इलाज करने की बात को कहकर बच्ची को वार्मर में भर्ती रखा, परिजनों को मिलने नहीं दिया और फिर कल रात बच्ची को मृत बताकर परिजनों को सौंप दिया।

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जब परिजनों ने नवजात बच्ची को देखा तो उसका चेहरा आग से झुलसा हुआ था।  उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से सवाल किये तो उन्हें भगा दिया नाराज परिजनों ने स्थानीय लोगों के साथ सड़क पर चक्काजाम कर नाराजगी जताई।  परिजनों के साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र पटेल भी शामिल हुए।  उन्होंने  का चेहरा झुलसा हुआ है, अस्पताल ने बची को ऐसे ही सौंप दिया उसका पोस्टमार्टम भी नहीं कराया।  उन्होंने  कहा कि जब तक बच्ची की मौत का कारण सामने नहीं आ जाता तब तक सड़क पर ही बैठे रहेंगे।  हालाँकि बाद में पुलिस ने समझाइश देकर चक्काजाम खुलवा दिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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