रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। आपने प्रशासन के द्वारा बनाए गए निमयों को तोड़ने पर लाखों रूपए तक का जुर्माना लगने की खबरें तो बहुत सुनी होगी पर क्या पेड़ों को कटाने पर करोड़ों का जुर्माना लगने की खबर सुनी है ? जी हां हम बात कर रहे है रायसेन जिले के बम्हौरी वन परिक्षेत्र की जहां एक व्यक्ति को 2 पेड़ कटाने के लिए करीब एक करोड़ 4 लाख का जुर्माना भरना पड़ रहा है।
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ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि एक और जहां कोरोना महामारी (Corona epidemic) के चलते पूरा देश प्राणवायु की किल्लत से जूझ रहा है तो वही प्राकृतिक ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों को भी लोग काटने में एक बार भी नहीं सोच रहे हैं, वही पेड़ों को बचाने के लिए सरकार भी हर तरह के कठोर कदम उठा रही है, ऐसा ही एक मामला रायसेन (Raisen) जिले के ओबैदुल्लागंज वन मंडल से सामने आया है, जहां दो सागौन (Teak) के पेड़ काटने पर आरोपी पर करीब एक करोड़ 4 लाख 21 हजार 724 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जानकारी के अनुसार बेलगांव निवासी छोटेलाल पिता मनकुल आदिवासी ने 5 जनवरी 2021 को सिंघोरी अभ्यारण के बीट पहरिया में जंगल से दो सागौन के पेड़ काटे थे। जिसकी जानकारी जैसे ही वन विभाग को लगी तो उन्होंने आरोपी पर बड़ा जुर्माना लगाया, आरोपी 3 महीने के ज्यादा समय से फरार चल रहा था जिसे वन विभाग ने 25 अप्रैल को पकड़ा था। जिसके बाद बरेली न्यायालय में आरोपी को पेश किया गया और विभाग ने वन संपदा मानते हुए आरोपी पर जुर्माना लगाया है।
इतने भारी जुर्माने के पीछे यह है कारण
विभाग ने इतना ज्यादा जुर्माना लगाने की वजह भी सामने रखी है विभाग का मानना है कि एक पेड़ की उम्र करीब 50 साल होती है जिसमें एक पेड़ 52 लाख 400 रूपए की सुविधा देता है। वही एक पेड़ करीब 11 लाख 57 हजार 500 रुपए की ऑक्सीजन छोड़ता है जो प्राणवायु का काम करती है। और वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद करता है जिसकी लागत एक पेड़ से निकाली जाए तो 23 लाख 68 हजार रुपए होती है। वहीं भू-क्षरण और उर्वरता को बढ़ाने के लिए भी पेड़ 19 लाख 97 हजार 500 रूपए की मदद करता है । इस तरह पेड़ करीब 50 लाख रुपए की हमारी मदद करता है, और आरोपी छोटेलाल ने साबुन के दो पेड़ काटे हैं जिसके चलते उसके ऊपर यह जुर्माना लगाया गया है।
विभाग का यह कदम लोगों को पेड़ों की महत्वता को समझाने के लिए भी लिया गया है। क्युकी आज के समय में देशभर में ऑक्सीजन की कमी है और ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लैैक में बिक रहे जो काफी चिंता की बात है ऐसे में हमें पर्यावरण और पेड़ों के महत्व को और अधिक समझना चाहिए।