Rang Panchami पर महाकाल के दरबार में बिखरे रंग, टेसू के फूलों से बने रंग से खेली होली

Published on -

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में  प्रति वर्ष रंगपंचमी (Rang Panchami) का माहौल ब्रज जैसा ही रहता है लेकिन इस बार कोरोना (Corona) ने सभी त्यौहार की तरह होली-रंगपंचमी का मजा भी फीका कर दिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर पहले से ही मंदिर में आदेश जारी किये थे कि भस्म आरती में भक्त शामिल नहीं होंगे और कोई भी पण्डे-पुजारी आपस में भी रंग नहीं लगाएंगे , इसको लेकर आज रंग पंचमी पर महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान भगवन महाकाल को टेसू के फूलो को गर्म करके केसर मिले हुए रंग से भरे लोटे से रंग चढ़ाया गया। सुबह हुई भस्म आरती के साथ ही महाकाल मंदिर में रंग बिखरने शुरू हो गया और भगवान महाकाल का गर्भ गृह  रंगों से सराबोर हो गया। महाकाल मंदिर के पण्डे-पुजारियों ने अपने आराध्य राजाधिराज बाबा महाकाल के साथ रंगपंचमी खेली।

यह भी पढ़ें….Singrauli Police की सार्थक पहल, लोगों को जागरूक करने के लिए थाने में बनाया पुस्तकालय

बता दें कि प्रति वर्ष रंगपंचमी के अवसर पर बाबा महाकाल के साथ होली खेलने के लिए भक्तों की खासी भीड़ उमड़ती है। वही उज्जैन में तो हर त्यौहार सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार मे मनाया जाता है। फिर चाहे दीवाली हो, होली हो या रंग पंचमी। वही इस बार भी महाकाल मंदिर में सबसे पहले रंग पंचमी मनाई गई है।

वर्षो पुरानी परम्परा 
प्रदेश के कुछ हिस्सों में होली के बाद मनाये जाने वाला रंगपंचमी का त्यौहार आज मनाया जाएगा, लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर में रंगपंचमी के त्यौहार की शुरुआत अल सुबह होने वाली भस्म आरती से हुई, पण्डे-पुजारियों ने आरती में लीन होकर टेसू के फूलो से बने रंगो के साथ रंगपंचमी मनाई। महाकाल मंदिर में रंगपंचमी  का पर्व मानाने की परंपरा आदि अनादिकाल से चली आ रही, यहाँ सबसे पहले बाबा महाकाल की भस्म आरती में पंचामृत अभिषेक पूजन किया है मन्त्र उच्चारण के बाद भस्म रमय्या को भस्म चढ़ी और रंगो से बाबा महाकाल को सराबोर किया गया।

प्रतीकात्मक रंगपंचमी मनाई 
कोरोना संक्रमण के चलते महाकाल मंदिर में  रंगपंचमी उत्सव प्रतीकात्मक देखने को मिला। पुजारियों ने रंगपंचमी पर महाकाल को लोटे से रंग अर्पित कर रंगपंचमी मनाई । कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पहले से ही गाइडलाइन (Guideline) जारी की गयी थी, जिसमे आदेश दिया गया था कि भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पहले से ही प्रतिबंधित था , प्रति वर्ष भस्म आरती के बाद पण्डे-पुजारी भी रंगपंचमी मनाते है लेकिन कलेक्टर आशीष से ने इस पर भी प्रतिबन्ध लगा रखा था जिसके चलते भस्म आरती के दौरान लोटे से भगवान महाकाल को रंग चढ़ाये गए।

यह भी पढ़ें….BJP के वरिष्ठ नेता का कोरोना से निधन, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने जताया शोक


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News