रतलाम : प्रधान आरक्षक बलराम पाटीदार का हुआ सम्मान, कारनामों को लेकर बने रहते हैं चर्चा का विषय

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रतलाम, सुशील खरे। रतलाम पुलिस अधीक्षक कार्यालय (Ratlam SP Office) में पदस्थ प्रधान आरक्षक बलराम पाटीदार (Chief constable Balram Patidar) को मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रशंसा पत्र और डिस्क से सम्मानित किया गया है। पाटीदार इससे पहले भी कई बार सम्मानित और पुरस्कृत हो चुके हैं।

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पुलिस विभाग में 26 दिसंबर 1997 से निरंतर सेवा दे रहे प्रधान आरक्षक बलराम पाटीदार वर्तमान में जिला रतलाम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ हैं। यह अपने कारनामों के कारण हमेशा चर्चा का विषय बने रहे हैं। पुलिस महानिदेशक द्वारा दिए गए प्रशंसा पत्र और डिस्क सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में जिला पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने प्रधान आरक्षक बलराम पाटीदार को भेंट किए। उन्होंने पाटीदार की कर्तव्यनिष्ठा की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा की ऐसे कर्मशील के कारण रतलाम पुलिस गौरवान्वित है।

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राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, भोपाल द्वारा प्र. आर. बलराम का चयन कर सीडेक इंदौर में प्रशिक्षण एक माह का कम्प्यूटर कोर्स करवाया गया। इसमें पाटीदार को प्रदेश स्तर पर “A” ग्रेड प्राप्त हुई व बैच में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके फलस्वरूप राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, भोपाल द्वारा पुनः इनका चयन हार्डवेयर कोर्स के लिए किया गया।

प्रधान आरक्षक के कारनामों की फेहरिस्त

  • रतलाम में थाना माणकचौक रतलाम के प्रतिष्ठित व्यापारी के पोते का अपहरण होने पर 7 घण्टे के अंदर अपहृत बालक को बरामद करवाने मे मुख्य भूमिका के लिए पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन द्वारा 1000/- रुपए नकद पारितोषिक दिया गया।
  • सिमी के सक्रिय सदस्य जाकिर हुसैन एवं मोहम्मद फरहत निवासी खण्डवा की गिरफ्तारी में सक्रिय भूमिका निभाने पर पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन जोन द्वारा 500/- रुपए नकद पुरस्कार दिया गया।
  • थाना माणकचैक के सनसनीखेज सूरज गवली हत्याकाण्ड के खुलासे में सक्रिय भूमिका रही।
  • थाना माणकचौक के ही सनसनीखेज तरुण सांकला हत्याकांड के अपराधियों का पता लगाने में सक्रिय योगदान।
  • बांछडा गेंग द्वारा की गई 41 लूट, नकबजनी, चोरी में पतारसी एवं बरामदगी मे सक्रिय सहयोग।
  • थाना स्टेशन रोड के बलात्कार व पाक्सो एक्ट में फरार 2500-2500/- रुपए के उद्वघोषित आरोपियों को पकड़वाने में मुख्य भूमिका।
  • साइबर सेल में कार्य करते हुए जिले में अपहृत बालक-बालिका की बरामदगी में सक्रिय सहयोग करने के अनेक बार नकद राशि से वरिष्ठ कार्यालयों से पुरस्कृत।
  • साइबर सेल में रहते हुए करीब 30 लाख के गुम मोबाइल को खोज कर फरियादियों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • जिला रतलाम में बहुचर्चित हिम्मत पाटीदार हत्याकांड के खुलासे में महत्वपूर्ण भूमिका। दिलीप देवल एनकाउंटर केस में महत्वपूर्ण भूमिका।इन्हें अभी तक के सेवाकाल में 300 इनाम एवं 10 प्रशंसा-पत्र प्राप्त हो चुके हैं। बलराम पाटीदार द्वारा पुलिस विभाग में मानव संसाधन तैयार करने हेतु टीम सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया गया। उन्होने स्वयं की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से निरन्तर अद्यतन रखकर कर्तव्य के प्रति लगन एवं रुचि दिखाई।23 वर्ष 5 महीने के सेवाकाल में आज तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। कोई गैरहाजिरी/सिक लीव नहीं जो कि इनके अनुशासन का परिचायक है। प्रधान आरक्षक बलराम पाटीदार को लगभग 23 वर्ष से अधिक हो गया पुलिस सेवा करते हुए। इनका कार्यकाल विभाग को गौरान्वित करने वाला रहा है। 300 से आशिक केश अवार्ड मिले हैं। कई अधिकारियों द्वारा इनको प्रशंसा दी गयी है। सबसे अच्छी बात यह है कि इनके अभी तक के कार्यकाल में ये एक दिन भी गैर हाजिर नहीं रहे है। ये सायबर एक्सपर्ट हैं और अभी सी सी टी एन एल में पदस्थ है। इनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण रतलाम पुलिस को कई सफलताएं मिली हैं। पुछले दिनों हो अभिनव प्रयोग शुरू किया गया था उसमें करीब 30 लाख के गुम हुए मोबाइल फोन वापस बरामद करके उनके असली मालिकों को सौंपे जा चुके हैं। इसमे इनके द्वारा महत्वपूर्ण रोल अदा किया जाकर अन्य राज्यों से भी मोबाइल बरामद करने में सफलता मिली है। पिछले दिनों जो तिहरा हत्याकांड हुआ उसके आरोपियों को सायबर की मदद से जानकारी निकालकर पकड़वाने में मदद की थी। इसके अलावा लूट डकैती नकबजनी की कई वारदातों का खुलासा भी इनके द्वारा सायबर की मदद से करवाने में इनका रोल रहा है।                                                                                                                                                        इस सम्मान को पाकर इनका कहना है कि बहुत अच्छा अनुभव कर रहा हूं। अपनी अभी तक के सेवाकाल में कई बार कठिन परिस्थितयां आई। लेकिन आज जो इनाम मिला उससे उन सब के लिए जो शिकवा था वह नगण्य हो गया और जीवन को सबसे बड़ी खुशी आज मुझे मिली है। यह कहना चाहता हूं कि जिस तरह से आज मुझे जो मैडल ओर प्रमाण पत्र मिला है मेरी इच्छा है कि हर पुलिसकर्मी को भी इसी तरह मेडल ओर प्रमाणपत्र मिले । पुलिस का जो वर्क रहता है वो टीम वर्क होता है। हम जो भी केस ट्रेस करते है उसमें एक व्यक्ति नहीं बल्कि टीम का योगदान रहता है। मेरी इच्छा है कि जिस तरह से मुझे आज सम्मान मिला उसी तरह से मेरे साथियों भी सम्मान मिले। साथियों से अपेक्षा करता हूं कि अनुशासन में रहकर कर्तव्य का पालन करें क्योंकि हम लोग पुलिस विभाग में हैं ओर इसका काम बड़ा कठिन होता है। कई बार कठिन परिस्थितियां भी आती है लेकिन हमे संयम और अपना व्यवहार संतुलित करके काम करना चाहिए।                                                                                                                                 उनका पूरा परिवार भी अभिभूत है। उनके बेटे ने बोला कि बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। सुबह से ही मेरे दोस्तों के फोन आ रहे है। मुझे अलग सा गर्व महसूस हो रहा है कि मेरे पापा सबसे अलग हटकर काम कर रहे हैं। हमारे परिवार और रिश्तेदार को यह शिकायत रहती है कि आप हमारे यहां कार्यक्रमों में नहीं आते हैं और ना ही शादी वगैरह में। पापा ने इन सबको छोड़कर अपनी नौकरी पर ज्यादा समय दिया है। पापा यही सिखाते है कि आगे जाकर अपने काम पर ज्यादा ध्यान देना।

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Prashant Chourdia

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