रतलाम, सुशील खरे। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने जिला प्रशासन को सख्ती के निर्देश दिए हैं। जिले के कलेक्टर अपने अपने जिलों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रभावी कदम उठा रहे हैं। रतलाम में भी कलेक्टर के निर्देश पर सख्ती है यहाँ लॉक डाउन प्रभावी है लेकिन इसका असर केवल शहरी क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में लोग बेख़ौफ़ बिना मास्क लगाए, बिना सोशल डिस्टेंसिंग के दिखाई दे रहे हैं।
रतलाम (Ratlam) जिले में जिस तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है वह प्रशासन के साथ-साथ आमजन को भी डरा रहा है यही कारण है कि रतलाम (Ratlam) नगर निगम सीमा क्षेत्र में शुक्रवार रात्रि 10:00 बजे से सोमवार सुबह 6:00 बजे तक lock-down लगाया गया है तथा फैसला लिया गया है कि शनिवार और रविवार को पूरी तरह लॉकडाउन लागू रहेगा सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर तथा दूध की आपूर्ति भी नियत समय पर ही होगी इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग नहीं करने पर प्रशासन लगातार सख्ती बरत रहा है। धारा 151 के अंतर्गत कार्रवाई कर कर अस्थाई जेल भी भेजा जा रहा है और शपथ दिलवा कर लोगों को छोड़ा जा रहा है जिसमें रतलाम (Ratlam) जिले का पूरा प्रशासनिक अमला पुलिस प्रशासन जी जान से लगा हुआ है.
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परंतु ग्रामीण अंचल की तस्वीर शहर से बिलकुल उलट है। यहाँ कोरोना नियंत्रण के लिए कोई कवायद नजर नहीं आ रही है, प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है भीड़ की ऐसी ही एक डरावनी तस्वीर रावटी की सामने आई है जहां शनिवार हाट बाजार का दिन था और सुबह से लेकर शाम तक भारी मात्रा में लोगों का जमावड़ा लगा रहा। ना तो लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा ना मास्क का उपयोग करा ना कहीं सैनिटाइजर आदि का उपयोग दिखाई दिया।
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उल्लेखनीय कि इस क्षेत्र में आसपास के सीमावर्ती इलाकों से भी कई लोग व्यापार करने के लिए आते हैं और खरीददारी करने के लिए आते हैं ऐसे में यह लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है क्योंकि रावटी में भी छुटपुट कोविड-19 के पेशेंट मिले हैं कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी रावटी में किसी भी प्रकार की सावधानी नहीं बरती जा रही है ना ही लोगों को समझाइश दी जा रही है ना ही किसी प्रकार का प्रचार प्रसार कोरोना की सुरक्षा को लेकर आम लोगों की जागरूकता को लेकर किया जा रहा है ऐसा लग रहा है जैसे प्रशासनिक अधिकारी कोरोना के विस्फोट होने का इंतजार कर रहे हैं। इस संदर्भ में जिला प्रशासन को शीघ्र निर्णय लेना होगा नहीं तो शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण अंचलों में भी आने वाले समय में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है