Rewa News : मध्यप्रदेश के रीवा में आज बेरोजगारी को लेकर लोगों ने आंदोलन किया। बता दें कि पिछले 26 सालों से सिंगरौली- ललितपुर रेलवे लाइन का कार्य किया जा रहा है। जिसे लेकर सरकार ने युवा को रोजगार देने, किसानों को मुआवजा देने के कई वादे किए लेकिन अभी तक इन वादों को पूरा नहीं किया गया। इस प्रोजेक्ट के इतने साल बीत जाने के बाद भी ना ही किसानों को कोई मुआवजा राशि दी गई, ना ही युवाओं को रोजगार दिया गया। जिससे नाराज लोगों ने आज गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन पर आंदोलन किया। आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से…
किसानों का आंदोलन जारी
रीवा, सीधी, सिंगरौली, सतना, पन्ना रेल लाइन की आधारशिला लगभग 26 साल पहले रखी गई थी। तभी से इस प्रोजेक्ट का काम जारी है। साल 2010- 11 में रीवा में भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद रोजगार को लेकर युवाओं और किसानों ने लगातार आंदोलन किया। तब रेलवे द्वारा नियम लागू किया गया कि 3,500 लोगों को नौकरी दी जाएगी। इसके बावजूद केवल 1,150 लोगों को ही रोजगार दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने कही ये बात
मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, जिले में 18 से 20 विधायक व सांसद है। जिनपर किसानों द्वारा दबाव बनाने के बाद उन्होंने इस बार सदन में हमारी बात रखी लेकिन इसके बावजूद रोजगार नहीं मिला। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत, साल 2019 के बाद भूमि अधिग्रहण मामले में रोजगार नहीं मिलेगा। जिसे आंदोलनकारियों द्वारा खारिज कर दिया गया है।
रेलवे का काम प्रभावित
आगे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी तब तक उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं, दूसरे आंदोलनकारियों का कहना है कि, मांग पूरी ना होने तक भूख हड़ताल जारी रहेगा। इस दौरान रीवा, छतरपुर, सतना, सिंगरौली के किसान व बेरोजगार शामिल हुए। इससे रेलवे काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है। 24 घंटे तक ट्रेन को रोक दिया गया था। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। हर बार की तरह एक बार फिर वादे ही किए जाएंगे या फिर किसानों की मांग पूरी की जाएगी। वहीं, रीवा से गोविंदगढ़ के बीच रेल लाइन बिछाने के कार्य को लेकर विवाद शुरू हो गया है। पिछले 15 दिनों से किसान इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, इसकी वजह से रेल लाइन का काम भी रुका हुआ है।