रीवा, डेस्क रिपोर्ट। रूस और युक्रेन की बीच बने तनाव (Russia Ukraine Conflict) के हालात भारतीयों के लिए भी तनावपूर्ण हैं। जिन परिवारों के बच्चे युक्रेन में पढाई कर रहे हैं वे और उनका परिवार दहशत में है। परिवार के लोग अपने बच्चे से बात नहीं कर पा रहे हैं, घर में खाना नहीं बन रहा। जिनके बच्चे युक्रेन में फंसे हैं उनके परिवार मामा शिवराज सिंह चौहान (Mama Shivraj Singh Chauhan) से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। उधर भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी (Government of India issued advisory) कर युक्रेन में रह रहे भारतीयों से वापस आने के लिए कहा है।
रूस और युक्रेन के बीच बने तनाव के थोड़े हालात थम जरुर गए है लेकिन ख़त्म नहीं हुए हैं। यहाँ करीब 20,000 भारतीय फंसे हैं। मध्यप्रदेश के भी कई छात्र युक्रेन में फंसे हैं , जानकारी के अनुसार 20 छात्र इंदौर के युक्रेन में फंसे हैं एक छात्र रीवा का भी है जो युक्रेन में MBBS की पढ़ाई कर रहा है।
रीवा के गांव जवा का रहने वाला प्रज्जवल तिवारी युक्रेन की तरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS कर रहा है। वो करीब देश साल पहले युक्रेन गया था। प्रज्जवल MBBS सेकंड ईयर का छात्र है। प्रज्जवल के पिता बुद्धि सागर तिवारी गांव में ही हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। दो भाई और एक बहन में सबसे बड़ा प्रज्जवल है। पिता ने घर बेचकर प्रज्जवल को पढाई के लिए विदेश भेजा है।
अब जो हालत युक्रेन के हैं उसने तिवारी परिवार की नींद उड़ा दी है। घर के लोग दहशत में हैं। बच्चा विदेश में फंसा है परिजनों के मुंह से निवाला नीचे नहीं उतर रहा है। दिन रात उसकी सलामती की दुआ मांग रहे है और उसके सकुशल घर लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रज्जवल के पिता बुद्धि सागर तिवारी और मां रन्नू तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी बेटे से बात हुई थी वो सदमे में है। रूस के हमले के भय से युक्रेन ने टेलीकॉम और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, मीडिया बैन है। बेटे ने बड़ी मुश्किल से व्हाट्स एप के जरिये बात की थी।
उधर भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर युक्रेन में रह रहे भारतीयों से अस्थाई रूप से युक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की है। भारत सरकार ने कहा है कि जिन लोगों खासकर छात्रों को रुकना बहुत जरूरी नहीं है वो लोग कुछ समय के लिए यूक्रेन छोड़ दे और दूसरे भारतीय युक्रेन आने से बचें।
प्रज्जवल के परिजन कहते हैं कि सरकार ने युक्रेन छोड़ने के लिए कह दिया लेकिन फ्लाइट की टिकट इतनी महँगी हो गई है कि उसे झेल पाना बहुत मुश्किल है। परिजनों ने भारत सरकार और मप्र सरकार से मप्र के बच्चों को सकुशल वापस लाने का अनुरोध किया है। प्रज्जवल की मां रन्नू तिवारी ने मामा शिवराज से गुहार लगाई है कि उनकी मदद करें और अपने भांजे को युक्रेन से सकुशल वापस लाने में सहयोग करें।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....