80 लाख रुपए के राशन की हेराफेरी, माफियाओं की संपत्ति बेच गरीबों को दिया जाएगा राशन

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में कहीं ना कहीं राशन माफिया का मामला (Ration mafia case) सामने आते रहता है, लेकिन इस बार जो राशन माफिया द्वारा कालाबाजारी का खुलासा (Black marketing disclosure) हुआ है, उसकी रकम सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी इंदौर (MP Financial capital indore) की, जहां 51 हजार गरीबों का 80 लाख रुपए के राशन की हेराफेरी (Rigging the Ration) की गई है। मामले का इंदौर जिला प्रशासन ने खुलासा करते हुए कार्रवाई की है। कार्रवाई में यह निर्णय लिया गया है कि राशन माफियाओं (Ration mafia) ने जो 80 लाख रुपए की हेराफेरी की है, तो अब उन्हीं की संपत्ति को बेच कर गरीबों को राशन (Ration) दिया जाएगा।

80 लाख रुपए के राशन की हेराफेरी

इस संबंध में इंदौर जिला प्रशासन (Indore District Administration) ने राशन माफियाओं की संपत्ति को नीलाम (Property auction) करने का फैसला कर लिया है। जिससे गरीबों के नुकसान की भरपाई हो सके। जिला प्रशासन ने कहा कि राशन माफियाओं की संपत्ति (Ration mafia property) को नीलाम (Auction) कर जो भी पैसा आएगा, उसी पैसे से गरीबों को राशन वितरित करने की कार्रवाई की जाएगी।

51 हजार गरीबों को नहीं मिला राशन

बता दें कि यह मामला पिछले महीने का है। जब गरीबों को मिलने वाले राशन में कालाबाजारी (Black marketing) करने का मामला सामने आया था। जिसमें गरीबों को दिए जाने वाले राशन को खराब और कीड़े युक्त राशन से बदल दिया गया था। जिसके बाद माफियाओं द्वारा उसी अनाज को मंहगे दामों में बाजार में बेचा गया था। वहीं जानकारी मिली है कि इस बार आरोपी माफियाओं ने करीब 12 पीडीएस दुकानों (PDS shops) से ढाई लाख किलो के राशन की हेराफेरी की थी। यह राशन करीब 51 हजार से अधिक गरीबों को मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिल पाया।

मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के निर्देश

इस बड़ी संख्या में हुए राशन घोटाले की जानकारी उच्च स्तर के अधिकारियों तक भी पहुंच चुकी थी। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को भी इसकी जानकारी मिली। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Indore Collector Manish Singh) को जांच के लिए निर्देशत किया था। इसी संदर्भ में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Indore Collector Manish Singh) ने जांच कर कार्रवाई की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि राशन की हेराफेरी करने वाले माफियाओं की संपत्ति की नीलामी (Auction of mafia property) की जाएगी। जिससे जो भी राशि इकट्ठा होगी, उसी से अनाज खरीदा जाएगा। फिर उसे जिन भी गरीब लोगों का नुकसान हुआ है। उन सभी गरीबों को राशन वितरित की जाएगी।

फूड कंट्रोलर सस्पेंड

उन्होंने कहा कि इस मामले में अन्य लोगों के भी शामिल होने की सूचना मिली है। उसी के आधार पर संपत्ति की जानकारी लगाई जा रही है। जैसे की जानकारी मिलती है उनकी भी संपत्ति को प्रशासन द्वारा कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। राशन घोटाले के मामले में इंदौर के फूड कंट्रोलर आरसी मीणा का भी नाम माफियाओं के साथ पाया गया था। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

इन धाराओं में होगी कार्रवाई

बता दें कि आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 5/7, आईपीसी की धारा 420 और राशन में अमानत में खयानत की धारा 409 और 120 (बी) के तहत मामला पंजीबद्ध किया जाएगा। इस दौरान कलेक्टर ने तीन आरोपियों का नाम लेते हुए कहा कि इन पर रासुका की कार्रवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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