MP News : सागर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, 30 हजार की रिश्वत लेते श्रम निरीक्षक रंगेहाथों गिरफ्तार

सागर लोकायुक्त पुलिस टीम ने श्रम निरीक्षक को तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। वह आर ओ वॉटर प्लांट के निरीक्षण में कमियां बताकर रुपये लेना चाह रहा था।

Pooja Khodani
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Sagar Bribe News : मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन लोकायुक्त द्वारा अलग अलग जिलों में कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में सागर लोकायुक्त ने 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए श्रम विभाग सागर के श्रम निरीक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि निरीक्षक ने पानी के आरओ प्लांट का निरीक्षण करने के बाद कार्रवाई नहीं करने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी।

आवेदक से इसलिए मांगी थी रिश्वत

जानकारी के अनुसार, सागर सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय में पदस्थ श्रम निरीक्षक ने देवांशु चौबे निवासी आनंद नगर मकरोनिया से 60 हजार रुपए की रिश्वत की मांग थी, जिसे 2 किश्तों में दिया जाना था। इसकी शिकायत 19 जुलाई को देवांशु चौबे ने लोकायुक्त सागर से की थी और बताया था कि उनका सेमरा बाग में नीरा नीर नाम से एक वॉटर प्लांट है, जिसके निरीक्षण के लिए सागर से श्रम निरीक्षक लालमणि अपने एक साथी के साथ पहुंचा था और प्लांट में कमियां बताकर लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कहीं है। साथ ही कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं चाहते तो एक लाख रुपये रिश्वत देकर मामला रफा दफा कर लें।।

श्रम निरीक्षक 30 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

आवेदन की शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने मामले की सत्यता के लिए जांच की और फिर योजना बनाकर आवेदक को एक रिकॉर्डर देकर भेजा। जैसे ही देवांशु लालमणि सिंह के पास पहुंचा और रिश्वत देने निरीक्षक ने बात की तो श्रम निरीक्षक ने व्हाट्सएप कॉल पर कहा कि अभी 30 हजार रुपये मुझे दे दो, बाकी राशि अगले महीने दे देना। शिकायत की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त की टीम शुक्रवार को सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय पहुंची और श्रम निरीक्षक लालमणि सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी निरीक्षक पर भ्रष्टाचार अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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