MP Transport Department News : एक ओर मोहन सरकार प्रदेश में गुजरात मॉडल लागू कर प्रदेश के परिवहन को देश में नंबर वन बनाना चाहती है, प्रदेश के लाखों और प्रदेश में सफर करने वाले करोड़ों गाड़ी चालकों को एक सुगम सफर प्रदान करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर विभाग में बैठे आला अधिकारी मानो सरकार से कह रहे हैं कि हिम्मत है तो ऐसा करके दिखाओ…
मामला है शहडोल का जहां बीते दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें शहडोल जिला अध्यक्ष और आरटीओ पर बैठे शख्स रवींद्र सिंह के बीच हॉट टॉक सुनने को मिली। इतना ही नहीं बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक दूसरे को फोन पर ही धमकियां तक दे डालीं।
जब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तब यह सामने आया कि आरटीओ पर बैठा शख्स रविंद्र सिंह नहीं बल्कि उड़न दस्ते का कटर संजय तोमर था। जानकारी सामने आते ही संजय तोमर पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
पर इस पूरे मामले ने कहीं ना कहीं परिवहन विभाग को एक बार फिर सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सबसे पहला सवाल जो सामने आता है वह यह है कि क्या परिवहन विभाग का प्राइवेटाइजेशन किया जा चुका है? अगर नहीं तो फिर प्राइवेट आदमी संजय तोमर चेक पोस्ट पर किसके लिए वसूली कर रहा था या किस हक से गाड़ियों को रोक रहा था?
जो दूसरा सवाल सामने आता है वह कहीं ना कहीं परिवहन विभाग में जंगल राज की स्थितियों को दर्शाता है। सोचने वाली बात यह है कि जब संजय तोमर जैसा उड़न दस्ते का आदमी भाजपा शासित राज्य में भाजपा के जिला अध्यक्ष से इस तरह बदसलूकी कर सकता है तो ऐसे में आम ट्रक ड्राइवर का क्या ही हाल रहता होगा? जब संजय तोमर जैसा निजी आदमी जिला अध्यक्ष की गाड़ी से पैसा वसूली कर सकता है तो उसके और उसके जैसे कई और ‘कटरों’ के लिए महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से आने वाले ट्रक और ट्रक ड्राइवर की क्या ही मजाल होगी?