Satna News: सतना के महादेवा से बड़ी खबर सामने आई है। एक नकाबपोश हथियारबंद सिरफिरे आशिक ने घर में घुसकर महिला पर चाकू से वार किया। वहीं उसके पति पर बम से हमला किया। अब पति-पत्नी और आरोपी तीनों घायल हैं, पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा। डॉक्टरों के मुताबिक घायलों की हालत नाजुक है।
ये है मामला
सिविल लाइन इलाके के महादेवा में महिला माधुरी कोरी अपने पति छविराज कोरी के साथ घर पर थी। तभी रीवा का सिरफिरा नकाबपोश व्यक्ति राजेश सोंधिया आया घर में घुस गया। पूछताछ और विरोध करने पर बैग से चाकू और देशी बम निकाल लिया। राजेश ने माधुरी के पेट में चाकू से वार किया, जिससे वह घायल हो गई। जब पति छविराज ने झपटकर राजेश को पकड़ा, तभी राजेश ने देशी बम जमीन पर पटक दिया, जिससे दोनों घायल हो गये।
रिहायशी इलाके में अचानक हुई वारदात से पूरे इलाके में दहशत और सनसनी फैल गई। मोहल्ले वालों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों घायलों को उठाकर सतना जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां तीनों का ईलाज चल रहा है, लेकिन हालत नाजुक बताई जा रही है। जिला अस्पताल में भर्ती घायल महिला माधुरी ने बताया कि, “वह रीवा के धोबिया टंकी निवासी है। रीवा निवासी राजेश सोंधिया ने व्हाट्सऐप पर उसकी अश्लील फोटो वायरल कर दी थी, जिस पर उसने रीवा सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज करा दी थी। राजेश की करतूत से परेशान होकर दोनों पति-पत्नी ने सतना में मकान बनाकर रहने लगे थे। जानकारी लगते ही शनिवार को राजेश सतना पहुंचा और दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस आरोपी राजेश को हिरासत में लेकर ईलाज करा रही है। पीड़ित घायल पति-पत्नी से पूछताछ कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अफसर भी जिला अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।
अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"