सिंधिया पर कांग्रेस के गंभीर आरोप, पार्टी के प्रत्याशी को हराने की साजिश करते थे

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस ने बड़ा हमला किया है। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक लाखन सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि सिंधिया ने कांग्रेस में रहते कभी कांग्रेस की चिंता नहीं की। वे चुनावों में अपनी पार्टी के प्रत्याशी को हराने की साजिश करते थे। लाखन सिंह ने कहा कि सिंधिया कभी नहीं चाहते थे कि और कोई ग्वालियर संसदीय सीट से संसद में उनके बराबर जाकर बैठे। इसीलिए उन्होंने कभी अशोक सिंह को जीतने नहीं दिया।

कांग्रेस कार्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री एवं ग्वालियर जिले की भितरवार सीट से कांग्रेस विधायक लाखन सिंह ने कहा कि सिंधिया कभी पार्टी में वफादार नहीं रहे। उन्होंने भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय मंचों पर कहा कि सिंधिया परिवार गद्दार है, इसलिए कांग्रेस के साथ गद्दारी करके सिंधिया जी ने कोई नया काम नहीं किया अपने परिवार की परम्परा निभाई है। और मुझे लगता है कि आगे भी वो ये करते रहेंगे। जहाँ गए हैं वहाँ भी दंगा फसाद जैसी स्थिति है।

सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सिंधिया ने हमेशा पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाया। उनके समर्थक और पूर्व ग्रामीण जिला अध्यक्ष मोहन सिंह हमेशा अनूप मिश्रा से पैक्ट करते थे। सिंधिया जी खुद पैक्ट करके चुनाव लड़ते थे। लाखन सिंह ने पास में बैठे प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इन्हें टिकट दिलवाया लेकिन और फिर इनको हराने के लिए पूरी ताकत लगाई, अशोक सिंह को कभी जीतने नहीं दिया चारों बार सिंधिया ने खुलकर अशोक सिंह का विरोध किया और चुनाव हरवाया । वे नहीं चाहते थे कि ग्वालियर संसदीय सीट से जीतकर कोई व्यक्ति संसद में उनके बराबर बैठे। लाखन सिंह ने दावा किया कि कई बार मुझसे सिंधिया जी ने कहा कि फलाने को डाउन करो मैंने कहा अच्छा प्रत्याशी रहेगा, जीत सकते हैं लेकिन उन्होंने टिकट नहीं मिलने दिया। वे कहते थे इसे मजबूत नहीं करना। पूर्व मंत्री ने कहा कि सिंधिया जी जहाँ गए हैं वहाँ उनकी चमक केवल चुनावों तक है चुनावों के बाद इनकी क्या दशा होगी ये तो उपरवाला ही जानता है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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