सीहोर, अनुराग शर्मा। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (एमपीईबी) सीहोर के अंदर आने वाले नगर परिषद सीहोर, ग्रामीण पंचायत विभाग, जल संसाधन, पुलिस सहित कई अन्य बड़े विभाग भी हैं। सभी बिजली तो खूब इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन बिजली बिलों की भरपाई नहीं कर रहे है। दरअसल, करोड़ों रुपए के घाटे में चल रही बिजली कंपनियों को सरकारी विभाग ही चपत लगाने में आगे हैं। हालांकि विद्युत वितरण कंपनी को सीहोर और आष्टा सर्किल के आम उपभोक्ताओं से भी करीब 180 करोड़ रुपए की वसूली करनी है, और 9 करोड़ से अधिक की वसूली सरकारी विभागों से भी करनी है।
यह भी पढ़े … महाशिवरात्रि: इस साल मध्यप्रदेश में भव्य और दिव्य तरीके से मनाई जाएगी महाशिवरात्रि..
नगर परिषद का बिजली बिल एक करोड़ से ज्यादा बकाया
नगर परिषद सीहोर से विद्युत वितरण कंपनी को एक करोड़ 20 लाख रुपए से अधिक की वसूली करनी है, लेकिन नगर परिषद द्वारा यह राशि नहीं दी जा रही है। इसी तरह नगर परिषद आष्टा पर भी 9 लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया है। यही स्थिति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की भी है। पंचायत विभाग से भी 4 करोड़ 53 लाख से अधिक का बिजली बिल वसूलना है। स्कूल शिक्षा विभाग का 42 लाख 90 हजार 228, स्वास्थ्य विभाग से 21 लाख 69 हजार 895, लोक निर्माण विभाग 3 लाख 18 हजार 413, जनजातीय कार्यविभाग पर 4 लाख 16 हजार, कलेक्टर कार्यालय का 5 लाख 10 हजार 643, पीएचई विभाग का 1 लाख 74 हजार, वन विभाग का 5 लाख 79 हजार, पुलिस विभाग का 2 लाख 72 हजार से अधिक का बिल फिलहाल बकाया है।
इस लिस्ट में अन्य विभाग भी हैं, जिनसे भी करीब 7 लाख से अधिक की वसूली करनी है। हालांकि अन्य विभाग ऐसे भी हैं, जिनका बकाया बेहद कम है। इनमें जेल, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि विभाग सहित अन्य विभाग हैं। बिजली बिलों की यह स्थिति माह जनवरी-2022 की स्थिति में है।
बकायादारों में रेलवे और बीएसएनएल भी
विद्युत वितरण कंपनी सीहोर के बकायादारों में रेलवे, बीएसएनएल सहित अन्य मोबाइल कंपनियां, इनकम टैक्स, पोस्ट आॅफिस सहित अन्य केंद्रीय विभाग भी हैं, जिनसे भी विद्युत वितरण कंपनी को लाखों रुपए के बिजली बिल लेने हैं। बीएसएनएल सहित अन्य मोबाइल कंपनियों का 20 लाख से अधिक का बिल बकाया है।