सीहोर में आंगनवाड़ी पद पर फर्जीवाड़ा आया सामने, रोजगार सहायक ने फर्जी तरीके से अपनी बहू को किया नियुक्त

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सीहोर, अनुराग शर्मा। सीहोर जिले (Sehore District) के कार्यालय एकीकृत बालविकास परियोजना (Office Integrated Child Development Project) बुदनी (Budhni) द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ता (Anganwadi workers) एवं सहायिकओं के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान आंगनवाडी केंद्र ग्राम नीनोर में फर्जी बीपीएल कार्ड (BPL Card) लगाकर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। आवेदक महिलाओं ने अंतिम मेरिट सूची पर भी आपत्ति दर्ज कराई है। जनसुनवाई में फर्जीवाड़े की जांच कराने और कार्यकर्ता की कथित नियुक्ति निरस्त कराने की मांग जिला प्रशासन से की गई है।

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आंगनवाडी कार्यकर्ता के एक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। जिस में अनुभवशील आशा कार्यकर्ता ग्राम नीनोर तहसील व थाना रेहटी जिला सीहोर निवासी SC वर्ग की बीपीएल सूची में शामिल मंजू बामने पत्नि कैलाश बामने ने भी आवेदन किया था। आवेदिका ने मांगी गई सभी योग्यताओं की पूर्ती आवेदन में पूरी की। बावजूद इस के गांव की सम्पन्न परिवार से संबंध रखने वाली रोजगार सहायक की बहु मीनू पत्नि अशोक को अन्तिम मेरिट सूची में प्रथम स्थान पर रखा गया जबकी पात्र गरीब आवेदिका को मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान दिया गया। उक्त परिवार गरीबी रेखा सूची अंतर्गत आता हीं नहीं है गांव में दस एकड़ भूमि पक्का मकान वाहन सहित सभी सुख सुविधाएं उक्त परिवार के पास मौजूद हैं।

रोजगार सहायक ने रातों रात ग्राम पंचायत की मदद से बीपीएल कार्ड बना लिया। प्रथम स्थान पर दर्शित मीनू का नाम गरीबी रेखा की सूची में विधि अनुसार नही जोड़ा गया और उन्हें लाभ पहुंचाने के उददेश्य से बिना विधि प्रक्रिया का पालन किये, उनका नाम गरीबी की रेखा की सूची में दर्ज किया गया है जबकी जनपद पंचायत बुदनी की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की अनुपूरक सूची 2003 ग्राम पंचायत नीनोर में वर्णित कमांक 26/94 पर अशोक पुत्र तुलसीराम का नाम सम्मिलित है। जिसके कालम नम्बर 12 में स्पष्ट उल्लेख है कि अशोक का नाम उक्त सूची में दिनांक 20/09/2021 को दर्ज किया गया है। यही नहीं मेरिट लिस्ट में प्रथम स्थान पर दिखाई जा रही मीनू ग्राम नीनोर की स्थानीय निवासी भी नहीं है। विवाह पंजीयन भी नही हुआ है। मीनू के सभी रिश्तेदार संबंधि शासकीय सेवा में कार्यरत है जिस से वह पात्रता की शतों को भी पूरा भी नहीं करती है। तथा इस वजह से अन्य आवेदकों के साथ अन्याय हो रहा है।

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Harpreet Kaur

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