सीहोर पहुंचे जीतू पटवारी, इशारों-इशारों में जताई सरकार से सहमति

Gaurav Sharma
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सीहोर, अनुराग शर्मा। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी आज जिले के गुडभेला गांव पहुंचे, जहां किसान बाबूलाल के घर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। गौरतलब है कि बाबूलाल वर्मा ने कल फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। किसान की आत्महत्या को लेकर भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आमने सामने आ गए है। एक ओर जहां भाजपा किसान की मौत का कारण बीमारी बता रही है तो वही दूसरी ओर कांग्रेस किसान की मौत को फसल खराब होने से जोड़ कर बयानबाजी कर रही है।

आज पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि किसान की मौत को राजनीति की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। किसान बाबूलाल कई बीमारियों से त्रस्त था। बीमारी की वजह से किसान बाबूलाल परेशान था। परिवार के पास 8 एकड़ जमीन थी, छोटा किसान था। मंत्री जीतू पटवारी में शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि किसानों की फसल खराब हो गई है, उन्हें मदद की आवश्यकता है, वो सरकार को उपलब्ध करना चाहिए।

गौरतलब है कि कल कमलनाथ ने उक्त किसान की मौत का कारण फसल खराब होना बताया था। जीतू पटवारी ने कमलनाथ के उलट परिजनों से बात के आधार पर मौत का मुख्य कारण इशारों ही इशारों में बीमारी बताया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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