3 लाख मूल्य के गुम मोबाइल सीहोर पुलिस ने लौटाये

Gaurav Sharma
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सीहोर, अनुराग शर्मा। जिले में गुम मोबाइलों की पतारसी के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान विभिन्न थाना क्षेत्रों से गुम हुये मोबाईलों को ढूंढने के लिए पुलिस अधीक्षक सीहोर द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को निर्देषित किया गया था । निर्देशानुसार थानों में गठित टीमों एवं इलेक्ट्रिनिक सर्विलेंस टीम के अथक प्रयास से कुल 22 मोबाईल कीमत 2,89,682/-रूपये मूल्य के सर्च करने में सफलता प्राप्त हुई है, जिसे आज बुधवार को सीहोर विधायक सुदेश राय और पुलिस अधीक्षक सीहोर एसएस चौहान द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर समीर यादव कीउपस्थिति में 13 आवेदकों को दिया गया। वहीं सीहोर के विधायक सुदेश राय ने कहा कि लोगों की प्रसन्नता ही पुलिस को और अधिक उत्साह से कार्य करने के लिये प्रेरित करती हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक एस.एस.चौहान ने कहा कि यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी ।

इन लोगों को मिले खोए हुए मोबाइल

लोकेश चौधरी पोलायजिलयाशाजापुर,ओमप्रकाश सोनी गंज सीहोर, हिमलेश वर्मा नि शुजालपुर जिलाशाजापुर, संतोष परमार निवासी भंवरा आष्टा, रोहित वर्मा निवासी इछावर, हेमन्त पिता भगवान दास मुर्दी मोहल्ला सीहोर, सोनु जोषी निवासी गंज सीहोर, मुकेश वर्मा नि काकड़खेडा इछावर, सुनिल भारती निवासी गंज सीहोर, षिवकुमार शर्मा नि हाउसिंग बोर्ड सीहोर, लोकेश चौधरी निवासी पोलाय जिला शाजापुर, रितिक पंसोरिया निवासी गंज सीहोर, मिथुन समद निवासी गंज सीहोर को सुपुर्द किये गये तथा 08 आवेदक विनोद कौषल नि. सीहोर, दिनेश कौषल नि. सीहोर, सचिन नि. लसुड़िया, जितेन्द्र नि. आष्टा, दीपक निवासी सीहोर, राजाबाबू निवासी अहमदपुर, बबीता बाई नि आष्टा, लक्ष्मीनारायण निवासी इछावर, देवेन्द्र नि.सीहोर को सबंकिधत थाना प्रभारियों द्वारा सुपुर्द किये गये। जिससे आवेदकों को काफी प्रसन्नता हुई एवं आवेदकों द्वारा पुलिस का आभार व्यक्त किया गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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