शहडोल में बैगा समुदाय कल से करेंगे आमरण अनशन, कॉलरी प्रबंधन के खिलाफ उठाएंगे आवाज

बैगा समुदाय के लोगों का कहना है कि एसईसीएल के सोहागपुर एरिया अंतर्गत राजेंद्रा भूमिगत खदान से बिना किसानों की सहमति के खेतों के नीचे से कोयला निकाला गया है। इसकी उन्हें भनक तक नहीं लगी और अब जमीन पूरी खोखली हो चुकी है।

Sanjucta Pandit
Published on -

Shahdol News : मध्य प्रदेश का शहडोल जिला आए थे मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है। एक बार फिर यहां 15 अक्टूबर से बैगा समाज के लोग आमरण अनशन कर वाले हैं। इसके लिए उन्होंने प्रशासन और कॉलरी प्रबंधन को पत्र दे दिया है।दरअसल, यहां पर किसानों ने राजेंद्रा कॉलरी प्रबंधन से पानी के बदले पानी की मांग की थी, लेकिन प्रबंधन द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। इसी को देखते हुए आमरण अनशन का फैसला लिया गया है।

बैगा समुदाय के लोगों का कहना है कि एसईसीएल के सोहागपुर एरिया अंतर्गत राजेंद्रा भूमिगत खदान से बिना किसानों की सहमति के खेतों के नीचे से कोयला निकाला गया है। इसकी उन्हें भनक तक नहीं लगी और अब जमीन पूरी खोखली हो चुकी है। जिस कारण बोरवेलों से पानी निकलना बंद हो गया है। खेतों में फसल सूखने लगी है, जिससे किसानों को काफी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनके परिवार का भरण-पोषण भी खतरे में नजर आ रहा है।

किसानों की मांग

किसान बाबूलाल पटेल का कहना है कि प्रबंधन से केवल पानी की मांग की गई थी। इसके बदले भी उन्हें दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। मामले को लेकर प्रबंधक का कहना है कि किसानों की समस्या की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। उनके कारण बोलवेल या तालाब नहीं सुखे हैं, इसलिए वह पानी नहीं दे पाएंगे। वहीं, किसान जोशी प्रसाद पटेल का कहना है कि खेत अंदर से खोखला होने के कारण लगातार धंस रही है। भविष्य में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। अब तक गांव में लगभग चार बोरवेल धंस चुके हैं, इससे पूरे गांव के लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है।

कल से करेंगे आमरण अनशन

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित किसानों ने आमरण अनशन का फैसला करने से पहले राजेंद्रा कॉलरी प्रबंधन से बात की, लेकिन उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया। साथ ही प्रबंधन का किसानों को जवाब मिला कि 10 मीटर के नीचे की भूमि सरकार की होती है, इसलिए वह अपनी मर्जी के अनुसार कोयला निकल सकते हैं। इस कार्य के लिए वह स्वतंत्र हैं।

कॉलरी प्रबंधन के खिलाफ उठाएंगे आवाज

इधर, आमरण अनशन की सूचना प्राप्ति को लेकर राजेंद्रा खैरहा सब एरिया मैनेजर वीके सिन्हा का कहना है कि जिस जगह को लेकर किसान परेशान है, वहां कई सालों पहले खुदाई हो चुकी है। जिस कारण उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन गांव में लोगों के बोरवेल किस वजह से सुख रहे हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News