लाड़ली बहनों से बोले सीएम मोहन यादव “आने वाले समय में 3000 रुपए तक राशि पहुंचाएगी हमारी सरकार” कांग्रेस को भी दिया दो टूक जवाब

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने मंच से कार्यकर्ताओं और जनता से प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर वोट देने की अपील की उसी दौरान उन्होंने विपक्ष और कांग्रेस के इस सवाल का जवाब भी दे डाला।

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CM Mohan Yadav

CM Mohan Yadav On Ladli Behna : सीएम मोहन यादव ने शहडोल जिले में भरे मंच से एक बार फिर लाड़ली बहना योजना को लेकर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को दो टूक जवाब दे दिया है। अपने इस जवाब में मुख्यमंत्री यादव ने यह साफ तौर पर कहा है कि ना ही लाडली बहन योजना बंद होगी ना ही कोई भी दूसरी योजना बंद होगी।

3000 रुपए होगी लाड़ली बहना की राशि

इतना ही नहीं यह जवाब देते वक्त सीएम यादव ने लाडली बहनाओं से अपना वादा दोहराते हुए यह भी कहा कि अभी जो उनके खाते में 1250 रुपए की राशि आ रही है, हमारी सरकार धीरे-धीरे उसे राशि को भी 3 हज़ार तक वादा अनुसार लेकर जाएगी। किसी भी बहन को किसी भी तरह से पैसे को लेकर कोई कमी नहीं आएगी।

आपको बता दें कांग्रेस और विपक्ष नेताओं ने लाडली बहना को लेकर लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर रहता है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष लगातार इस बात पर सवाल उठाते रहते हैं की क्या लाडली बहना योजना जारी रहेगी और कब लाडली बहनों को 3 हज़ार महीने की राशि सरकार देगी।

इन दोनों ही बातों का जवाब देते हुए जब लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने मंच से कार्यकर्ताओं और जनता से प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर वोट देने की अपील की उसी दौरान उन्होंने विपक्ष और कांग्रेस के इस सवाल का जवाब भी दे डाला।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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