कोयले के अवैध कारोबार पर खनिज विभाग का एक्शन, विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में

उधर आज खनिज विभाग द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि वहाँ अवैध रूप से खनन कर एकत्र किया गया कई टन कोयला को जप्ती न बनाकर उसके ऊपर ही मिट्टी डालकर विभाग ने अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर ली।

Atul Saxena
Published on -
Shahdol News

Shahdol News : जिले के केशवाही चौकी क्षेत्र अंतर्गत मरखी माता मंदिर के समीप कठना नाला में लम्बे समय से चल रही कोयले की अवैध ख़दान को आज खनिज अमले ने जेसीबी की मदद से मिट्टी डालकर बंद करा दिया। जिस समय खनिज अमला वहाँ कार्यवाही के लिए पहुंचा वहाँ पर भारी मात्रा में अवैध रूप से उत्तख़नन किया हुआ कोयला पड़ा हुआ था। उसे भी मिट्टी में दबा दिया गया। वहीं आज इस कार्यवाही के बाद केशवाही चौकी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चौकी क्षेत्र में कोयले एवं पशु तस्करी का काला कारोबार एक लम्बे अर्से से चल रहा है लेकिन पुलिस जानकर इससे अनजान बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार मरखी माता मंदिर के समीप स्थित कठना नाला के पास जो कोयले का अवैध खनन चल रहा था, बताया जा रहा है कि उसमें ग्राम कुम्हारी के एक व्यक्ति के साथ साथ ग्राम पंचायत केशवाही के पूर्व उपसरपंच व ग्राम जमुनिहां का एक पूर्व सरपंच लिप्त हैं जो कि एक लम्बे समय से भारी मात्रा में कोयले का अवैध खनन कर उसका परिवहन खुलेआम कर रहें हैं ।

विभाग की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल  

उधर आज खनिज विभाग द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि वहाँ अवैध रूप से खनन कर एकत्र किया गया कई टन कोयला को जप्ती न बनाकर उसके ऊपर ही मिट्टी डालकर विभाग ने अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर ली। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि जब गरीब मजदूर की जान जोखिम में डालकर कोयला माफिया कोयला का उत्तखनन करवा सकते हैं तो फिर उनके लिए ज़रा सी मिट्टी में दबा लाखों का कोयला फिर से नहीं निकाला जा सकता है क्या? बहरहाल खनिज अमले ने तो खानापूर्ति कर ली लेकिन चौकी की पुलिस इससे अपने आपको अनजान बता रही है।

शहडोल से राहुल सिंह राणा की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News