आदिवासी जिले की दर्दनाक तस्वीर, बदहाल सुविधाओं की खुली पोल

शहडोल, डेस्क रिपोर्ट। शहडोल (Shahdol) जिले के मेडिकल कॉलेज में शव वाहन की सुविधा न होने से आम जन को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। इस स्थिति में लोग शव अपने वाहन से ही लेकर जाते हैं। कई लोग मजबूरी में दो पहिया वाहन या अन्य साधनों से शव को लेकर जाते हैं। रविवार को भी एक ऐसा मामला सामने आया है। जहाँ मेडिकल कालेज में शव वाहन न मिलने पर दो भाई मोटर साइकिल से 80 किमी दूर मां के शव को ले गए।

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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”