दवा ना डॉक्टर फिर भी मरीजों की लगती है लंबी कतार…नजारा देख शिवराज भी हो उठे थे भावुक

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शुजालपुर।

आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा दवाखाने के बारे में जहा कोई फीस लगती सब फ्री में होता है। यहाँ न दवा मिलती है न ही की डाक्टर बैठता है, लेकिन फिर भी यहाँ मरीजो की कतार लगती है, अब तक यहाँ से मदद पाकर करीब दो हजार निर्धन मरीज ठीक हुए है और इस दफ्तर की ख्याति ऐसी है कि यहाँ एक सप्ताह पहले पूर्व सीएम शिवराज खुद यहाँ पहुंचे और इस मदद के दफ्तर को देश-प्रदेश का गौरव बताया…हाल ही में कमलनाथ सरकार ने भी इस सेवा केंद्र के संचालक को मानवसेवा का प्रतिष्टित रहीम राज्य सम्मान देने के आदेश जारी किए है।

दरअसल, ये है शाजापुर जिले के शुजालपुर में सवा सौ वर्ग फीट में बना मदद का दवाखाना… इसका नाम है हेल्प फार यूं…यहा सबकी मदद की कोशिश होती है, इस दफ्तर से चल रहे सेवा प्रकल्प का संचालक पेशे से डाक्टर नहीं है लेकिन उसके दफ्तर याने बिना किसी एनजीओ के संचालित रोगी सेवा केन्द्र पर रोज मरीजो की कतार लगती है….ये शख्स कोई दवा नहीं देता बल्कि मदद की ऐसी झप्पी देता है जिसे देख लोग इसे रीयल लाइफ का मुन्ना भाई भी कहने लगे है, अब तक ये शक्श 2 हजार से ज्यादा लोगो की जान बचा चुका है। दरसल अपने पिता को हार्ट में पेसमेकर लगवाने  इस युवक को वर्ष 2007 में सरकारी मदद नही मिल सकी, मदद न मिलने की इसी टीस और मदद की प्रक्रिया की जानकारी न होने की कमी पूरी करने इसने मरीजो की मदद के लिए ये मदद का दवाखाना खोल लिया और ऐसी पहचान बनाई कि केंद्र पर 1 फरवरी की रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज खुद पहुंचे और इस मुहीम को सराहते हुए अभिनन्दन किया।

पिता को खोने के बाद शुरु की ये मुहिम

शाजापुर जिले के शुजालपुर में रहने वाला ये युवक है पुरुषोत्तम पारवानी, ये कोई डाक्टर नहीं लेकिन लगभग हर बीमारी की बारीकी से जानकारी रखते हुए दिनभर मरीजो को सही उपचार की राह बताने के साथ ही उन्हें आर्थिक मदद की राह बताता है। इस सेवाकेंद्र की शुरुआत की वजह भी दिलचस्प है, नौ साल पहले अपने पिता को हार्ट मे पेसमेकर लगवाने के लिए सहायता योजना की प्रक्रिया की जानकारी के अभाव में खुद सरकारी मदद लेने मे असफल रहने की वजह से समाज में उपचार सहायता मार्गदर्शन की कमी को पूरा करने इस केंद्र की स्थापना की है। शासकीय मदद के अभाव में पिता को खोने के बाद दूजो के लिए मदद की मुहीम में ने लोगो को मुफ्त में मदद देने का काम शुरू कर दिया। इस मद्द्खाने का नाम है निःशुल्क रोगी सेवा केंद्र “हेल्प फार यू। यह देश का पहला ऐसा रोगी सहायता केंद्र है, जो बिना किसी लाभ की अभिलाषा से बीमारी के उपचार हेतु आर्थिक अक्षम लोगो को सरकारी योजनाओ के माध्यम से सहायता प्राप्त करने की राह बताता है। यहाँ आकर अब तक दो हजार से जयादा मरीज म.प्र.राज्य/जिला बीमारी सहायता योजना,  बाल-ह्रदय उपचार योजना, बाल श्रवण योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थय कार्यक्रम, प्रधान मंत्री उपचार सहायता, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मदद पाकर जान बचा चुके है। मरीजो को उपचार सहायता योजना का लाभ लेने के बारे में बारीकी से नियमो की जानकारी देकर सहायता स्वीकृति की राह बताने पर ही इस केंद्र का काम ख़तम नहीं होता बल्कि सहायता मिलने के बाद अस्पाताल में भी साथ रहकर रक्त आपूर्ति, अस्पतालों में होने वाली असुविधाओ से बचाने में सहयोग करता है। इस दफ्तर पर सुबह से शाम तक मरीज व परिजन मदद की आस लेकर पहुँचते हे और जिन मरीजों को सरकारी योजना के तहत मदद मिलना संभव नहीं होती,उनके लिए जनसहयोग से मदद का इंतजाम कर इलाज की व्यवस्था के प्रयास किये जाते हे।

दवा ना डॉक्टर फिर भी मरीजों की लगती है लंबी कतार...नजारा देख शिवराज भी हो उठे थे भावुक


गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है नाम

अपने आसपास के १२ सौ से अधिक विकलांग व उनके परिवार के लिए 5 लाख की मदद आम लोगो से जुटाकर विकलांगो को पूरे परिवार के लिए एक दिन में 25 करोड़ 60 लाख की मेडिक्लेम पालिसी देने पर इस केंद्र के नाम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड भी दर्ज है, रक्तदान शिविर लगाकर सर्वाधिक रक्तदान में भी ये मुन्ना भाई एक्सीलेंस नेशनल रिकार्ड में नाम दर्ज करा चूका है, बीमारी में होंसला खो चुके परिजनों के लिए मददगार इस केंद्र ने सरकारी मदद दिलाकर दिल मे छेद की बीमारी से पिडीत कई बच्चो व सैकडो गंभीर मरीजो का दर्द सरकार तक पहुंचाते हुए जाना बचाई इसलिए खुद पूर्व सीएम शिवराज भी यहाँ पहुंचे और क्या कहा आप खुद सुनिए..

मरीजों से मिल भावुक हो उठे थे शिवराज 

 दिल में छेद रोग से पीड़ित नन्हे बच्चे,  केंसर/ब्रेन/सर्जरी/स्पाइन सर्जरीके सैकड़ो रोगी इस मुन्ना भाई की मदद की झप्पी से सरकारी उपचार सहायता पाकर स्वस्थ्य जीवन जी रहे है। जन्म से मूक बधिर 14  बच्चे भी सहायता पाकर बोलने-सुनने लगे है। पूर्व सीएम शिवराज खुद इनसे मिलने पहुंचे तो उन्हें देख भावुक हो उठे। किसी के आंसू छलक आये तो किसी को शिवराज ने गले से लगा लिया।

दवा ना डॉक्टर फिर भी मरीजों की लगती है लंबी कतार...नजारा देख शिवराज भी हो उठे थे भावुक


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