किसान-कब्जा-मौत और सबूत: फिर भी दर्ज नहीं हुआ केस, कार्रवाई पर अड़े कलेक्टर, ACS के भाई पर FIR, ये है पूरा मामला

रामविलास के परिजनों द्वारा तमाम जगह फरियाद करने पर भी इस मामले में जब FIR नहीं हुई और मामला जिले के कलेक्टर संजय कुमार के संज्ञान में पहुंचा तो वे हैरत में पड़ गए।

Pooja Khodani
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Sheopur Suicide Case :  एक सीनियर आईएएस के रसूख के चलते आत्महत्या करने वाले शख़्स के परिजनों को न्याय के लिए एक महीने का इंतजार करना पड़ा। मामला जब श्योपुर जिले के कलेक्टर की संज्ञान में पहुंचा तब उन्होंने पुलिस को हड़काया और FIR दर्ज करवाई।दरअसल इस मामले में पीड़ित की जमीन बिकवाने के नाम पर सीनियर IAS के भाई ने उससे अनुबंध किया था और उसके बाद अपनी शर्तों से पलट गया।

क्या यह काफी नहीं था?

पीड़ित द्वारा जहर खाकर थाने में पहुंच जाना, चिल्ला चिल्ला कर प्रताड़ित करने वाले का नाम लेना, उसका वीडियो पुलिस के पास मौजूद होना और उसके बाद मृतक के मरने के पहले दिए गए बयान…..किसी पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त है। लेकिन जब मामला प्रदेश के एक आला आईएएस अफसर के परिवार का हो तो शायद नियम कायदे ताक पर रख दिए जाते हैं। श्योपर जिले में कुछ ऐसा ही हुआ।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)