शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। गेंहू पंजीयन में लगातार धांधली के प्रकरण सामने आते जा रहे हैं। किसानों के नाम से दलालों द्वारा पंजीयन के लिये नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। किंतु राजस्व अधिकारियों की सतर्कता के चलते इन प्रकरणों को उजागर कर पंजीयन निरस्ती सहित दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर के निर्देश पर बड़े खातों के पंजीयन की मौके पर जांच की जा रही है।
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इसी औचक जांच में पाया गया कि आनंद पुत्र प्रभूदयाल लोधी ने साढ़े तीन हेक्टेयर का पंजीयन फर्जी कराया गया है और उस आधार पर 150 कुंटल गेंहू सरकारी खरीद में खपाने की योजना बनाया जा रहा था। नायब तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार ने ग्राम धौर्रा में गेंहू के पंजीयनों की जब जांच की तब यह फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच में सर्वे नम्बर 962, 963 ,983/12,983/12 कुल रकबा 3.57 हेक्टर का पंजीयन आनन्द पुत्र प्रभूदयाल जाति लोधी के नाम से पाया गया।
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जबकि उक्त सर्वे नंबरों पर खसरा खतौनी में खाता धारक अलग थे। नायब तहसीलदार ने पटवारी से उक्त सर्वे नंबरों की रिपोर्ट ली तब यह खुलासा हुआ। पटवारी रिपोर्ट में बताया गया कि राजस्व अभिलेख में सर्वे नम्बर 983/ 12 पर रामेश्वर पुत्र पारीक्षत जाटव, सर्वे नम्बर 983 /13 पर राजाराम पुत्र पारीक्षत, सर्वे नम्बर 962 पर रामदयाल और सर्वे नम्बर 963 पर तिजुआ खाताधारक पाए गए।
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इससे स्पष्ट हुआ कि पंजीयन फर्जी कराया गया है। इस बारे में पंजीयन कराने वाले किसान आनन्द पुत्र प्रभूदयाल लोधी ने नायब तहसीलदार को बताया कि मैने उक्त पंजीयन कृषकों की सहमति के आधार पर करवाया है। किंतु नायब तहसीलदार ने उक्त पंजीयन फर्जी व अवैध मानते हुए धांधली में लिप्त सेवा सहकारी संस्था खोड़ सहित पंजीयन ऑपरेटर व पंजीयन कर्ता के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिये अनुविभागीय अधिकारी को रिपोर्ट भेजी है।