सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला अपने अजीब -गरीब कार्यो के कारण अक्सर चर्चाओ में बना रहता है। बता दे कि सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा के लंघाडोल थाने की कमान, राजनीतिक पकड़ रखने वाले उपनिरीक्षक बालेन्द्र त्यागी (थाने का प्रभारी) को दी गई है। इससे पहले उपनिरीक्षक बालेन्द्र त्यागी बन्धौरा चौकी प्रभारी रहते हुए, अपने राजनीतिक संरक्षण के कारण लंघाडोल थाने पर काबिज हो गए। सूत्रों की माने तो एक जनप्रतिनिधि का लगातार लंघाडोल थाना प्रभारी को संरक्षण मिलता रहा है, जिसके कारण आज तक क्षेत्र के कई मामले सामने आने के बावजूद थाना प्रभारी और सालों से थाने में जमे आरक्षक फतेबहादुर पर कोई कार्यवाही नही होती है।
यह भी पढ़े … MP Corona : बीते 24 घंटे में 668 नए केस, एक्टिव केस 5170, रिकवरी रेट में तेजी से सुधार
पीड़ित ने SI बालेन्द्र त्यागी व आरक्षक फतेबहादुर पर लगाया आरोप
ऐसा कोई महीना नही गुजरता जब लंघाडोल थाना चर्चाओं में न रहा हो, लोगों पर जबरजस्ती कार्यवाही व मारपीट के कई बार आरोप लग चुके है, लेकिन लंघाडोल थाना प्रभारी व सालो से थाने में जमे हुए आरक्षक फतेबहादुर पर अब तक कोई कार्यवाही नही हुई। आपको बता दे कि लंघाडोल थाना क्षेत्र का एक पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देकर न्याय की मांग करते हुए कहा है कि, 11 फरवरी को रात में थाना प्रभारी बालेन्द्र त्यागी और थाने के हर मामले की देखरेख करने वाले कारखास आरक्षक फतेबहादुर और अन्य बाहरी लोग के द्वारा थाने में ले जाकर लॉकआप मे मारपीट किया गया। तो वहीं पीड़ित रमेश शाह ने बताया कि उसके ऊपर जबरजस्ती धारा 151 का मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि जिले में अभी निरीक्षक पुलिस लाईन में मौजूद है। इसके बावजूद उपनिरीक्षक को थाने का थाना प्रभारी बनाना समझ से बाहर है।वही पुलिस का कहना है कि लंघाडोल SI रैंक का थाना है, लेकिन बता दें कि लंघाडोल थाने में एक निरीक्षक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में कई सवाल उठ रहे है कि, अगर जब एक बार थाने की कमान निरीक्षक रैंक को दिया जा चुका है, तो दोबारा किसी निरीक्षक को थाना प्रभारी न बनाना समझ से बाहर है।