बेटा चिल्लाता रहा, डॉक्टर ने नहीं देखा, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के दरवाजे पर माँ ने तोड़ा दम

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना मरीजों (Corona Patients) के इलाज के लिए बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) प्रबंधन की लापरवाही अब आदत सी बन गई है, यहाँ मरीज इलाज में लापरवाही के आरोप लगते हैं, मरीज के परिजन शव से आंख निकाल लेने जैसे गंभीर आरोप लगाते हैं, शवों को बदलने के आरोप लगते हैं। इसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) के दरवाजे पर आज शनिवार को एक माँ ने बेटे की आँखों के सामने दम तोड़ दिया। बेटे डॉक्टर से चेक अप करने और भर्ती करने के लिए गुहार लगाते रहे , लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और माँ ने अस्पताल के बाहर सड़क पर दम तोड़ दिया।

जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital)  के बाहर सड़क पर शनिवार को जो एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसे  देखने वालों की आँखों में आंसू आ गए, उनके दिल धक रहे गए, लेकिन धरती का भगवान् कहे जाने वाले डॉक्टर का ना दिल पसीजा और ना ही उनकी मानवीय संवेदना जागी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....