जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना संक्रमण के चलते जब पूरे देश दुनिया में इस बीमारी से निपटने के लिए लगातार लॉकडाउन लगाया गया था, तब तमाम शैक्षिक संस्थाएं भी पूरी तरह से बंद थे। ज्यादातर कोशिश की गई कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके चलते ऑनलाइन क्लास लगाया जाए। बावजूद इसके धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (डीएनएलयू) ने कोरोना काल के बीच छात्रों से प्रतिवर्ष 30,000 और छात्राओं से 50,000 रु हॉस्टल की फीस ली गई।
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धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन क्लास लगाने के बावजूद छात्रों से अच्छी खासी फीस ली जिसके चलते अब यूनिवर्सिटी के तमाम छात्रों ने मानव अधिकार आयोग से इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए उनकी शरण ली है। छात्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच बीते 17 महीनों से विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद है इसके बाद भी यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल के छात्र-छात्राओं से फीस वसूल की जा रही है। छात्रों ने मानव अधिकार आयोग को बताया है कि कोरोना संक्रमण के कारण 20 मार्च 2020 के बाद से छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है जिसके चलते हॉस्टल भी बंद है। बावजूद इसके की यूनिवर्सिटी छात्र-छात्राओं की राहत न देकर उनसे अच्छी खासी रकम वसूल कर रहे हैं।