MP: मध्य प्रदेश के भिंड के मौ तहसील में तैनात तहसीलदार माला शर्मा ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसडीएम पराग जैन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माला शर्मा का यह कहना है कि उन्हें मानसिक टॉर्चर का सामना करना पड़ रहा है। खासकर जब उनका 6 साल का बेटा बीमार है और वह ग्वालियर में भर्ती है।
माला शर्मा ने यह भी कहा कि उनके आसपास इतनी कठिन परिस्थिति बनाई जा रही है, जिसके कारण वह अपने बेटे के पास भी नहीं जा पा रही है, क्योंकि हर बार उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है। माला ने आगे बताया कि जब भी वह ग्वालियर जाने का कहती हैं, तो अधिकारियों द्वारा कई सवाल उनसे पूछे जाते हैं। इसके अलावा जब कभी भी वह अपने कार्यों के लिए अनुमति मांगती है तो उन्हें कोई भी संतोषजनक उत्तर सामने से नहीं मिलता है।
लंबे समय से विवादों में घिरी है माला शर्मा
आपको बता दें, तहसीलदार माला शर्मा खुद लंबे समय से विवादों में घिरी हुई है। उन पर यह आरोप है कि उन्होंने जमीन की खरीद फरोख्त में अनियमितता की है और जब्त की गई सरसों की चोरी करने का काम भी किया है। हालांकि, इस मुद्दे पर जब माला शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने इन सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि कलेक्टर और एसडीएम उनके खिलाफ एक साजिश कर रहे हैं।
तहसीलदार माला शर्मा का आरोप
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारी उन्हें अपमानित करते रहते हैं। उनकी बात सुनने को तैयार नहीं रहते हैं। आगे माला ने बताया कि जब वह अधिकारियों से मिलने के लिए पहुंचती है, तो उन्हें घंटों तक का इंतजार कराया जाता है। इस मामले पर उच्च अधिकारियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने बताया कि तहसीलदार पर गड़बड़ी के गंभीर रूप हैं और उनके द्वारा उठाए गए सवाल मनगढ़ंत है।
राज्य महिला आयोग को लिखा पत्र
अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें, तहसीलदार माला शर्मा ने 18 सितंबर 2024 को राज्य महिला आयोग को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। माला ने कहा है कि उन्हें 4 महीने से 10 से ज्यादा नोटिस मिले हैं और उन पर जमीन खरीदने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
माला ने यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने और उनके पति ने कोई भी जमीन नहीं खरीदी है, जो जमीन की बात हो रही है वह किसी और ने खरीदी है और उसके नाम में उनके पति का नाम मिलता है। लेकिन पिता का नाम अलग है माला ने अपने पति का आधार कार्ड भी दिखाया है जिससे उनके आरोप गलत साबित होते हैं।
तहसीलदार माला शर्मा पर पहला आरोप
आपको बता दें, तहसीलदार माला शर्मा पर दो गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के अनुसार माला ने एक कॉलोनाइजर को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन मालिक अशोक जैन पर दबाव बनाया, ताकि उन्हें निजी भूमि से रास्ता देने के लिए मजबूर किया जा सके। जब जैन ने ऐसा करने से मना किया तो माला ने जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। अशोक जैन ने इस मामले की शिकायत भी की थी और जांच में आरोप सही पाए गए थे।
तहसीलदार माला शर्मा पर दूसरा आरोप
इसके अलावा दूसरा आरोप यह है की माला ने सरकारी पट्टे की जमीन एक बुजुर्ग महिला के नाम कर दी। लेकिन इस जमीन का सड़क किनारे वाला हिस्सा अपने पति को दिलवाने के लिए बेच दिया। जांच में यह आरोप सही निकला। कलेक्टर का कहना है की माला ने पति का आधार कार्ड की फोटो कॉपी दी है जो संदिग्ध है और ओरिजिनल आधार कार्ड मांगने पर उन्होंने अभी तक नहीं दिया है।