Gwalior की ऐतिहासिक धरोहरों का मामला पहुंचा संसद, सांसद विवेक शेजवलकर ने की ये मांग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्‍वालियर के लोकसभा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (gwalior mp vivek narayan shejwalkar) ने सोमवार को ग्‍वालियर लोकसभा क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों (historical heritage) को विश्‍व मानचित्र पर स्‍थापित करने की बात संसद के पटल पर रखी। सांसद शेजवलकर ने भारत सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजना “अपनी धरोहर – अपनी पहचान” का स्‍वागत किया।

सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने तारांकित प्रश्‍न के माध्‍यम से संस्‍कृति मंत्री से पूछा कि क्‍या पर्यटन के विकास एवं ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव के लिये राज्‍यों को केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती है? यदि हां तो इसका क्‍या ब्‍यौरा है? पिछले तीन वर्ष के दौरान प्रदेशवार जारी की गई राशि का क्‍या ब्‍यौरा है?

सांसद विवेक शेजवलकर (gwalior mp vivek narayan shejwalkar) ने कहा कि ग्‍वालियर लोकसभा क्षेत्र में ग्‍वालियर शहर के अलावा ग्‍वालियर ग्रामीण, करैरा, डबरा, भितरवार विधानसभाओं में ऐतिहासिक धरोहरें है, क्‍या सरकार इनके रखरखाव और पर्यटन की दृ‍ष्टि से विकास के लिये केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता प्रदान करने पर विचार कर सकती है? पिछले पांच वर्ष के दौरान पर्यटन के विकास के लिये राज्‍यों को सरकार द्वारा कितनी धनराशि जारी की गई है, इसका तत्‍संबंधी क्‍या ब्‍यौरा है ?

ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (gwalior mp vivek narayan shejwalkar)ने पूरक प्रश्‍न के माध्‍यम से पूछा कि ग्‍वालियर दुर्ग को “वर्ल्‍ड हेरिटेज” में शामिल करने के लिये सरकार की क्‍या योजना है? सांसद ने सदन में संस्‍कृति मंत्री से जानकारी मांगी कि संरक्षित स्‍मारकों में पूजा-पाठ करने की क्‍या नीति है?

गौरतलब है कि सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (gwalior mp vivek narayan shejwalkar)ग्‍वालियर शहर एवं ग्‍वालियर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करैरा, पोहरी, भितरवार, डबरा एवं ग्‍वालियर ग्रामीण में स्‍थापित ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव एवं उन्‍हें विश्‍व मानचित्र पर स्‍थान दिलाने के लिये प्रयासरत है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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