ग्वालियर, अतुल सक्सेना। स्मार्ट सिटी बनने जा रहा ग्वालियर (Gwalior) कितना स्मार्ट है इसकी एक झलक सावन के सोमवार की रात कुछ घंटे के लिए लगी बारिश ने दिखा दी। मात्र सवा से डेढ़ घंटे की बारिश (Rain) ने ना सिर्फ सड़कों को तालाब बना दिया बल्कि विकास कार्यों की पोल भी खोल दी। मौसम की पहली तेज बारिश ने शहर को खूबसरत बनाने में जुटी स्मार्ट सिटी कंपनी, नगर निगम और अन्य विभागों की जिम्मेदारी, समझ और शिद्दत की पोल खोल दी। जगह जगह जलभराव की सूचना मिलते ही नगर निगम कमिश्नर (Municipal Corporation Commissioner) रात को ही सड़क पर उतरे और अपने सामने कई जगह मेन होल खुलवार कर पानी का निकास करवाया।
मानसून की बारिश की बाट जोह रहे ग्वालियर शहर के लोगों को सावन के पहले सोमवार को इसका अहसास हुआ। सोमवार की देर शाम बारिश की ऐसी झड़ी लगी जिससे लगा मानों भोलेनाथ के भक्तों की पुकार इंद्र देव ने सुन ली हो। सुबह से शिवालयों में लम्बी लम्बी कतारें लगीं थी शिव भक्त कोरोना मुक्ति के साथ साथ अच्छी बारिश की भी प्रार्थना भोलेनाथ के सामने कर रहे थे। जिसका असर इंद्र देव की प्रसन्नता के साथ मिला।
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भगवान शिवशंकर के जरिये इंद्रदेव तक पहुंची प्रार्थना ने शहर को तरबतर तो कर दिया लेकिन नगर निगम, स्मार्ट सिटी कंपनी सहित उन सभी विभागों की पोल खोल दी जो शहर विकास के लिए बने हैं और जिनके अधिकारी सरकार के सामने अपनी पीठ खूब ठोंकते हैं। करीब सवा से डेढ़ घंटे तक खूब तेज बारिश हुई इस दौरान 55.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। फिर रुक रुक कर झड़ी लगती रही। तेज बारिश से थोड़ी ही देर में शहर के बहुत से क्षेत्रों में पानी भर गया।बस्तियों, मोहल्लों से लेकर पॉश इलाकों में भी जलभराव हो गया। कई मुख्य मार्ग तालाब बन गए। सिटी सेंटर, फूलबाग सहितकई मुख़्य मार्गों पर पानी भर गया।
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शहर के हालात की जानकारी मिलते ही नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा खुद रात में ही निकले क्योंकि वे जानते थे कि निगम के जिम्मेदर अधिकारी वाकई में कितने जिम्मेदार हैं। उन्होंने सिटी सेंटर सहित कई मुख्य मांर्गों को देखा और खड़े होकर मेन होल खुलवाकर पानी का निकास कराया।