World’s first clock : दरअसल इस घडी में हिंदू काल गणना के अलावा ग्रीनविच पद्धति से भी समय देख सकेंगे। इतना ही नहीं जानकारी में सामने आया है की इसे एक एप के जरिए भी आम लोग मोबाइल पर देख पाएंगे। वहीं इस अद्भुत घडी का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी 1 मार्च को वर्चुअली रूप से करेंगे।
जानें क्या है इस घड़ी की विशेषता?
दरअसल मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर को हमेशा से काल गणना का केंद्र माना गया है। दरअसल आपको जानकारी दे दें की उज्जैन से ही कर्क रेखा गुजरी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम डॉ. मोहन यादव भी उज्जैन को दोबारा काल गणना का केंद्र बनाने की बात कह चुके हैं। जिसके बाद अब इस घड़ी को लगाने का उद्देश्य साफ़ है कि भारतीय समय गणना से इस घडी के जरिये लोगों को परिचित कराया जाएगा साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अब उज्जैन की काल गणना को स्थापित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार उज्जैन में यदि वैदिक घड़ी स्थापित होती है तो देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी इसे लगाने की योजना बनाई जा सकती है।
उज्जैन के 85 फीट के टॉवर पर लगाई जाएगी यह घडी :
आपको बता दें की यह वैदिक घड़ी लगाने के लिए उज्जैन स्थित जीवाजी वैधशाला के पास 85 फीट का ऊंचा टावर भी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार इस पर ही 10×12 फीट की घड़ी लगाई जाना है। इसको लेकर विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी का कहना है कि यह घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी होगी, जिसमें विशुद्ध रूप से भारतीय काल गणना को देखा जा सकेगा।
यह घडी सामान्य घड़ी से कैसे है अलग?
दरअसल अब आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा की यह घडी सामान्य से कैसे अलग है तो आपको बता दें की वर्तमान में चल रही सामान्य व डिजिटल घड़ी समय के अलावा बस दिन व सेकंड ही दर्शाती है। लेकिन उज्जैन में लगने वाली यह वैदिक घड़ी में वैदिक समय के साथ साथ ग्रीन विच टाइम व भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की भी जानकारी देगी। इतना ही नहीं इसमें मुहूर्त विक्रम पंचांग भी शामिल होगा। जिसके चलते सूर्योदय से सूर्यास्त के समय ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की भी जानकारी अब मिल सकेगी।