टीकमगढ़, आमिर खान। देश में आई कोरोना (Corona) की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे में सभी लोग किसी न किसी वजह से आर्थिक परेशानी झेल रहे है, वही गरीब परिवारों का भी का भी इस महामारी ने बुरा हाल कर रखा है। कल मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा ईद (Eid) का त्यौहार भी और कई परिवार ऐसे हैं जो इस पर्व को अपने घर में मनाने में भी सक्षम नहीं है। ऐसे में टीकमगढ़ (Tikamgarh) शहर के युवा रफीक खान ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। इस युवा ने ऐसे गरीबों की मदद करने पहले अपने पास रखा सारा पैसा राशन सामग्री बांटने में खर्च कर दिया। जब पैसों की और किल्लत आई तो उसने खुद की मोटरसाइकिल बेचकर मदद करने की ठान ली और अब उस पैसे से गरीबों का पेट भरने का काम कर रहा है।
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रफीक खान बताते हैं कि उन्हें बचपन से गरीबों की सेवा करना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा जब पिछले वर्ष कोरोनाकाल लगा तब मैंने देखा के कई गरीब परेशान हैं और अब एक बार फिर यह आपदा देश में आई है। ऐसे मैं स्वयं देख रहा था कि कई ऐसे परिवार के लोग हैं जो भूखे सोने को मजबूर हैं। ऐसे में हमारा मन नहीं माना और पिछले पांच दिनों पहले मैंने ये सोचा कि पैसा तो फ़िर कमा लेंगे, लेकिन अभी अगर किसी का पेट भर दिया तो सबसे ज्यादा नेक कार्य है। मैंने पहले जितने पैसे मेरे पास रखे थे वह गरीबों के लिए खर्च किये जब पैसों की कमी आई तो बाइक बेच दी। वह कहते हैं बाइक तो बाद में भी ली जा सकती है। अभी इस काम को करके उन्हें अच्छा लगता है। बतां दें कि रफीक राशन सामग्री के साथ साथ गरीबों को हरी सब्जियां भी उपलब्ध करा रहे हैं।
भूखे का पेट भर मिलती है ख़ुशी
जब रफीक से पूछा कि आप अपनी बाइक बेचने के बाद ये कार्य कर रहे हैं, तो उनका जबाव था कि बाइक की कोई बात नहीं बाइक आज गई है कल आ जाएगी पर किसी का पेट भरने के बाद जो ख़ुशी मिलती है वह बाइक से भी ज्यादा कीमती है। मुझे किसी की मदद करने के बाद देर रात सुकून की नींद आती है। इसलिए मैं ये नेक कार्य जारी रखूँगा। इस महामारी के दौर में इस तरह से गरीबों की मदद के लिए आगे आना सच में सराहनीय कदम है।