विक्रम विश्वविद्यालय में बड़ी लापरवाही, गलत आंसर-की से 2900 स्टूडेंट्स को कर दिया फेल

Diksha Bhanupriy
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) के विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) में विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में यहां बीकॉम सेकंड ईयर के 50 फीसदी विद्यार्थी या तो फेल हो गए हैं या फिर उन्हें पूरक आई है। विद्यार्थियों के रिजल्ट की यह बदहाली विश्वविद्यालय की गलत आंसर-की के कारण हुई है।

कुछ दिन पहले ही यह रिजल्ट जारी किया गया है लेकिन जब मूल्यांकन के बारे में जानकारी निकाली गई तो यह सामने आया कि आंसर की में गड़बड़ी होने के चलते यह सब हुआ है। गड़बड़ी सामने आते ही रिजल्ट का पुनर्मूल्यांकन करवाया गया और उसके बाद पूरक या फेल हुए 1937 विद्यार्थी पास हो गए।

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नई शिक्षा नीति लागू किए जाने के बाद विश्वविद्यालय में ये पहली परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसके रिजल्ट ने विद्यार्थी और अधिकारियों सभी को चौंका दिया था। गोपनीय रूप से जांच पड़ताल करने के बाद यह जानकारी सामने आई कि रिजल्ट पर काम करने वाली फर्म को गलत आंसर-की दी गई थी।

यही वजह रही कि सही जवाब देने के बावजूद भी विद्यार्थियों को नंबर नहीं मिले। इसके अलावा कुछ विद्यार्थियों की ओएमआर शीट में गलत रोल नंबर और 2 गोले भरे जाने की जानकारी भी सामने आई है। ये पहली बार नहीं है जब विक्रम विश्वविद्यालय में मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है। कुछ दिनों पहले जब एलएलबी का पुनर्मूल्यांकन हुआ था उस समय भी कई विद्यार्थियों के नंबर बढ़े थे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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