सीएम डॉ मोहन यादव का फैसला, हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में साधु संतों के लिए बनेंगे स्थाई आश्रम

यदि कोई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, धर्मशाला, वृद्धाश्रम शुरू करना चाहता है तो उसका स्वागत है लेकिन सबसे पहले अधिकार हमारे साधु संत, महामंडलेश्वर, अखाड़ा प्रमुख का रहेगा।

Atul Saxena
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CM Dr Mohan Yadav

CM Dr. Mohan Yadav’s decision: मध्य प्रदेश के उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ मेले के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है सीएम डॉ मोहन यादव आज उज्जैन पहुंचे और उन्होंने मेला कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उज्जैन में भी हरिद्वार की तर्ज पर साधु संतों, महा मंडलेश्वर, अखाडा प्रमुखों के स्थाई आश्रम सरकार बनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार हरिद्वार में साधु -संतों के अच्छे आश्रम बने हुए हैं,उसी प्रकार विकास के क्रम को जारी रखते हुए उज्जैन में भी साधु संतों के स्थायी आश्रम बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से इस बड़ी योजना को आकार दिया जाएगा। सभी साधू-संतो, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर सभी को आमंत्रित कर उनके स्थायी आश्रम बनाने की दिशा में काम करेंगे।

व्यवस्थाएं अब स्थाई होंगी, परेशानी होंगी कम 

सीएम ने कहा कि सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए सड़क, बिजली, पेयजल, जल निकासी इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के लिए भी स्थाई अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा जिससे अस्थाई निर्माण से होने वाली समस्याएं ना हो। उन्होंने कहा कि कभी बारिश हो जाती है या कोई और समस्या अति है तो अस्थाई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाती है उस एफिर बनाना पड़ता है।

सनातन से जुड़े सभी लोगों का Ujjain में स्वागत

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम सिंहस्थ 2028 के लिए स्थाई बुनियादी व्यवस्थाएं जुटा रहे हैं, उन्होंने कहा कि सनातन से जुड़े लोगों का उज्जैन में स्वागत है यदि कोई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, धर्मशाला, वृद्धाश्रम शुरू करना चाहता है तो उसका स्वागत है लेकिन सबसे पहले अधिकार हमारे साधु संत, महामंडलेश्वर, अखाड़ा प्रमुख का रहेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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